झुक गयी हेमंत सरकार, साक्षी महाराज को क्वारंटाइन करने के 24 घंटे के भीतर गिरिडीह प्रशासन बैकफुट पर, दिल्ली जाने की दी इजाजत

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मुखर संवाद के लिये रमेश यादव की रिपोर्टः-
गिरिडीह: भाजपा के सांसद साक्षी जी महाराज को गिरिडीह जिला प्रशासन ने भाजपा के दबाव में दिल्ली वापस भेजने पर सहमत हो गयी। आखिरकार भाजपा के दबाव के कारण झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने साक्षी जी महाराज को छोड़ने पर राजी हो गयी। उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज को क्वारंटाइन करने के 24 घंटे के अंदर ही गिरिडीह जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। रप्रशासन ने साक्षी महाराज को क्वारंटाइन मुक्त करते हुए गिरिडीह से बाहर जाने की अनुमति प्रदान कर दी। साक्षी महाराज आज रात 8 बजे धनबाद रेलवे स्टेशन से राजधानी एक्सप्रेस पकड़कर दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने भी सांसद को दिल्ली जाने की अनुमति देने की पुष्टि की है। उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज शहर के शांति भवन आश्रम में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पिछले 24 घंटे से क्वारंटाइन थे। शांति भवन का मुख्य गेट बंद कर दिया गया है। भाजपा नेताओं एवं मीडिया को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था।सांसद साक्षी महाराज गिरिडीह में अपनी 97 वर्षीय बीमार गुरु मां से मिलने के लिए कल शनिवार को सुबह पहुंचे थे। उन्होंने गिरिडीह जिला प्रशासन को आगमन की सूचना दी थी। जब वे गुरु मां से मिलकर दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने धनबाद जा रहे थे तो एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने उन्हें पीछा कर पीरटांड के पास पकड़ा। एसडीएमके अनुसार, सांसद को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में गिरिडीह के शांति भवन में भेज दिया। इसके बाद भाजपा ने गिरिडीह प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे ने सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रेरणा दीक्षित को पत्र लिखकर शहर के झंडा मैदान में आज दोपहर 12 बजे से धरना देने की अनुमति मांगी थी। एसडीओ ने यह कहकर अनुमति नहीं दी कि मुख्य सचिव का निर्देश है कि किसी भी वैसे राजनीतिक, सामाजिक, खेल, सांस्कृतिक आयोजन की छूट नहीं है जिसमें भारी भीड़ हो सकती है। इसके बाद झंडा मैदान में अंचल अधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सांसद ने गिरिडीह जिला प्रशासन ने अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की थी। साथ ही संसद के मानसून सत्र का हवाला देते हुए दिल्ली जाने की अनुमति की मांग की थी। दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी इस मुद्दे को उठाया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव से हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी। बनते राजनीतिक मुद्दे को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर गिरिडीह जिला प्रशासन ने साक्षी महाराज को क्वारंटाइन मुक्त कर दिया। आखिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा के दबाव के आगे घुटने टेक ही दिये। कानून को लेकर दुहाई देनेवाली झाारखंड सरकार के लिये आमलोगों के लिये दूसरा और खास लोगों के लिये दूसरा कानून है।

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