
मुखर संवाद के लिये शिवांगी यादव की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: दिशोम गुरू शिबू सोरेन ने अंततः कोरोना को मात देते हुए कोरोना मुक्त होकर अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। झामुमो प्रमुख और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। उनका इलाज मेदांता अस्पताल, गुरुग्राम में चल रहा था। उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि वे कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रहकर स्वास्थ्य लाभ करेंगे। कोरोना को हराने के बाद आज ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है। बता दें कि कुछ दिनों पहले शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन को कोरोना हो गया था। एक-दो दिनों तक घर पर ही स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इसके बाद उन्हें रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया था। झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके पुत्र हेमंत सोरेन ने खुद उन्हें अपनी निगरानी में पहले एंबुलेंस से रांची से बोकारो और वहां से फिर राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली ले गए थे। कुछ दिनों के इलाज के बाद शिबू सोरेन ने आखिरकार कोरोना को हरा दिया। झामुमो सुप्रीमो शिबु सोरेन की जांच रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई है। उनकी अब स्वास्थ्य में भी पहले से काफी सुधार है। मेदांता गुरुग्राम में भर्ती शिबू सोरेन को रविवार को छुट्टी दे दी गई। शिबू सोरेन को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 26 अगस्त को मेदांता गुरुग्राम में भर्ती कराया गया था। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 76 साल के गुरुजी को मेदांता रांची में भर्ती कराया गया था। यहां से उन्हें मेदांता गुरुग्राम में भर्ती करने के लिए 25 अगस्त को रांची से वाया बोकारो होते हुए भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली ले जाया गया था। उनके लिए ट्रेन में विशेष कोच लगाया गया था। गुरुजी को पहले एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाने पर विचार किया गया। लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल कल था और प्लेन के ऊपर जाने के बाद ऑक्सीजन और कम हो जाता। इसलिए यह विचार छोड़ दिया गया, फिर एंबुलेंस से ही दिल्ली ले जाने पर मंथन हुआ। इसमें करीब 17-18 घंटे लगते, इसलिए इस विकल्प को भी छोड़ दिया गया। फिर 24 अगस्त की रात मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात की। उनसे भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में एक स्पेशल बोगी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। क्योंकि कोरोना संक्रमित होने की वजह से उन्हें सामान्य बोगी में नहीं ले जाया जा सकता था। रेलमंत्री के निर्देश पर स्पेशल बोगी की व्यस्था हुई और उन्हें ट्रेन से दिल्ली रवाना किया गया।
