

रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: कभी मुख्यमंत्री से लोहा लेनेवाले निर्दलीय विधायक सरयू राय का अभिनेत्री कंगना रनौत के समर्थन में आकर खड़ा हो जाना तो कभी उनके विरोधी रहे लालू प्रसाद यादव की ओर से चुनाव प्रचार करने की घोषणा किसी को भी समझ मं नहीं आ रही है। कंगना रनौत और शिवसेना की लड़ाई के बीच बीएमसी की कार्रवाई की आग अब झारखंड की राजनीति में भी पुहंच दिखा रही है। सरयू राय कंगना रनौत के समर्थन में उतर आए हैं। सरयू राय ने बीएमसी की कार्रवाई को जंगलराज बताया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। सरयू राय ने कहा कि कंगना रनौत के घर को तोड़ने के तरीके से साबित हो गया है कि मुंबई में जंगल राज है। महाराष्ट्र सरकार में मवालियों और माफियाओं की तूती बोल रही है। मुम्बई में संविधान और कानून का शासन समाप्त हो गया है। नागरिकों के जान-माल की सुरक्षा नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। सरयू राय ने कंगना का समर्थन करते हुए दो ट्वीट किए। उन्होंने लिखा है कि नशीली दवाओं के कारोबार का दुबई नियंत्रित केन्द्र बन चुका मुंबई का फिल्मिस्तान महाराष्ट्र सरकार पर हावी है। यहां के चर्चित चमकते चेहरे देश-समाज का, कला-संस्कृति का नुकसान और अपमान कर रहे हैं। इनकी फिल्मों का और यहां के व्यवसाय का नीतिगत बहिष्कार होना चाहिये,जैसे चीन में बने सामान का हो रहा है। वहीं झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कंगना रनौत के ऑफिस पर नहीं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। उन्होंने लिखा कि आज शिव सेना ने स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे को सच में तिलांजलि दे दी। कंगनसा रनौत को नहीं जाननेवाले अभिनेत्री के प्रति दिये जा रहे झारखंड के राजनेताओं के बयान को देखकर यही लगता है कि अब झारखंड के राजनेता भी मुम्बई की फिल्मी दुनिया मंे अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
