
मुखर संवाद के लिये किशनगंज से अब्दूल फैज की रिपोर्टः-
किशनगंज: महागठबंधन को सत्ता से दूर करने में असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने बड़ी भूमिका अदा की है। मुस्लिम मतदाताओं ने एनडीए को सत्त पर पीहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा की हैै। मुस्लिम मतदाताओे ने असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी को वोट देकर महागठंबधन का बड़ा नुकसान कर डाला जिसके कारण वह सत्ता से दूर हो गयी। असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने सीमांचल में मुस्लिमों की पहली पसंद बनकर एनडीए की भरपूर मदद करने का काम किया हैै। हालांकि इसके पहले भी असदउद्दीन ओवैसी को भाजपा का मददगार होने का आरोप लगता रहा है लेकिन इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में असदउद्दीन ओवैसी ने वाकई एनडीए की मदद करके उसे सत्त पर पहुंचा दिया है। सीमांचल की विधानसभा सीटों पर इस बार पांच सीटें जीतकर असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने महागठबंधन को खासा नुकसान पहुंचाया है। ओवैसी ने जिस तरह से सीमांचल के वोट बैंक में सेंध लगाई है, यह उनकी बढ़ती राजनीतिक ताकत को दर्शाता है। पूर्णिया जिले में अमौर और बायसी सीटों पर एआइएमआइएम ने जीत हासिल की है। अमौर सीट पर इसने जदयू उम्मीदवार को पराजित किया है। यहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। बायसी में इसने भाजपा के उम्मीदवार को पराजित किया। यहां राजद प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। कसबा में एआइएमआइएम उम्मीदवार अधिक वोट बटोरने में सफल नहीं हो सके। पड़ोस के अररिया में भी इसने जोकीहाट सीट पर विजय प्राप्त की है। यहां सीमांचल के गांधी व कद्दावर नेता रहे तस्लीमुद्दीन के पुत्र शाहनवाज आलम ने पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर इनके भाई सरफराज आलम रहे। ये राजद से थे। भाजपा यहां तीसरे स्थान पर चली गई। अररिया जिले की बाकी तीन सीटों पर एआइएमआइएम अधिक वोट बटोरने में सफल नहीं हो पाई। कटिहार जिले की दोनों सीटों पर भी इसे कुछ खास फायदा नहीं हुआ। किशनगंज जिले की कोचाधामन सीट पर एआइएमआइएम प्रत्याशी ने जदयू प्रत्याशी को पराजित किया। यहां राजद तीसरे स्थान पर रहे। बहादुरगंज में इसने वीइंपा के प्रत्याशी को पराजित कर कांग्रेस को तीसरे स्थान पर कर दिया। यह कांग्रेस की सीट थी।इस बार के विधानसभा चुनाव में हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने सीमांचल की 13 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इन सीटों पर में किशनगंज जिले के चार कोचाधामन, किशनगंज, ठाकुरगंज और बहादुरगंज, पूर्णिया जिले के तीन बायसी, अमौर और कसबा, अररिया जिले के चार अररिया, जोकीहाट, नरपतगंज और रानीगंज के अलावा कटिहार जिले के दो बलरामपुर और प्राणपुर विस क्षेत्र शामिल हैं। 2015 में पहली बार ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने किशनगंज जिले से बिहार में अपनी चुनावी पारी की शुरुआत की थी। तब और अब पार्टी एक ही सिद्धांत पर चल रही है-राजग और महागठबंधन दोनों पर प्रहार करते हुए जनता का मत लेना। उन्होंने तब किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी छह विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें किशनगंज जिले के किशनगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज और बहादुरगंज के अलावा पूर्णिया जिले की दो विधानसभा सीटें अमौर और बायसी शामिल थीं। तब किशनगंज सीट से पार्टी प्रत्याशी कमरूल होदा को जीत मिली थी और कोचाधामन में अख्तरुल ईमान दूसरे स्थान पर रहे थे। बाकी सीटों पर पार्टी की जमानत जब्त हो गई थी। इन सभी छह सीटों को मिलाकर एआइएमआइएम को 80 हजार वोट मिले थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर ओवैसी की पार्टी को तीन लाख से अधिक वोट मिले। इस बार औवसी 25 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चुनाव प्रचार के सिलसिले में किशनगंज में ही कैंप किए रहे। हालांकि इस जीत के बाद ओवैसी बिहार में अपपने बढते हुए जनाधार को देखते हुए आनेवाले दिनों में और अधिक जनाधार बढ़ाना चाहेंगें।
