
मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
पटना: बिहार विधानसभा के चुनाव संपन्न होने के बाद अब परिणाम भी आ चुके हैं। लेकिन बिहार के अंदर चिन्ता की बात यह है कि अपराध से मुक्त करने का दावा करनेवाली बीजेपी ही सबसे अधिक अपराधी चरित्र के विधायकों को टिकट दिलाकर जीताकर विधानसभा के अंदर लेकर आयी है जिससे उसके दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। वहीं सबसे अधिक करोड़पति विधायक भी बीजेपी की ओर से हीि जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं। बिहार विधानसभा की आधी से ज्यादा सीटों पर ऐसे माननीय बैठेंगे, जिन पर संगीन आरोप के मामले दर्ज हैं। 2015 में यह फीसद 40 था। इस बार 163 वैसे प्रतिनिधियों ने जीत दर्ज की है, जिन पर किसी न किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज है। इनमें 123 पर गंभीर आरोप हैं। यह संख्या विधानसभा के कुल माननीयों के सापेक्ष 51 फीसद होगी। ऐसे प्रतिनिधियों को विधानसभा के रेड कार्पेट तक पहुंचाने में कमोबेश सभी राजनीतिक दलों की अहम भूमिका है। एआइएमआइएम, सीपीआइएम और बीएसपी से जीतने वाले शत-प्रतिशत प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर गंभीर मामले दर्ज होने की जानकारी नामांकन के शपथ पत्र में दी है। राजद के 74 में से 44 (60 फीसद), भाजपा के 73 में से 35 (48 फीसद), जदयू के 43 में से 11 (26 फीसद), कांग्रेस के 19 में 11 (58 फीसद) और भाकपा माले के 12 में से आठ (67 फीसद) विधायकों पर भी गंभीर मामले दर्ज हैं। जीते हुए जनप्रतिनिधियों में 19 वैसे हैं, जिन पर हत्या के आरोप लगे हुए हैं। 31 पर हत्या के प्रयास और आठ पर महिला उत्पीडन के आरोप हैं।दूसरी ओर, महिला प्रतिनिधियों की संख्या में 2015 की तुलना में दो फीसद की कमी आई है। पिछली विधानसभा में 28 महिलाएं पहुंची थीं। इस बार यह संख्या 26 हो गई। इस बार करोड़पतियों की संख्या भी 2015 से अधिक दिखेगी। पिछली बार 67 फीसद विधायक करोड़पति थे तो इस बार यह ग्राफ 81 फीसद पर पहुंच गया। भाजपा के 65, राजद के 64, जदयू के 38 और कांग्रेस 14 विधायकों की संपत्ति एक करोड़ से अधिक की है। 61 प्रतिनिधियों की संपत्ति तो पांच करोड़ से भी अधिक है। करोड़पति विधायकों के बीच कई ऐसे विधायक भी सदन में पहुंचे हैं, जिनकी संपत्ति दो-तीन लाख के करीब ही है। पटना में फुलवारीशरीफ के माले विधायक गोपाल रविदास और भोजपुर के अगियांव के माले विधायक मनोज मांझी के साथ ही अलौली के राजद विधायक के नाम सबसे कम संपत्ति वाले प्रतिनिधियों में शामिल हैं। बिहार में 17वीं विधानसभा के लिए जो 243 विधायक चुने गए हैं उनमें दागियों की तादाद पिछले चुनाव के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा बढ़ गई है. 2015 में चुने गए 243 विधायकों में से 136 दागी थे यानी 56 फीसदी पर क्रिमिनल केस दर्ज थे.
पाटीयों के हिसाब से देखें तो बीजेपी के नवनिर्वाचित 74 विधायकों में से 48 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जेडीयू के चुने गए 43 विधायकों में से 21 पर आपराधिक केस चल रहे हैं। राजद के 75 में से 54 यानी 72 फीसदी विधायक दागी हैं। कांग्रेस के 19 में से 16 यानी 84 फीसदी नवनिर्वाचित विधायक दागी हैं। संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा 42 करोड़पति विधायक भाजपा के हैं. जदयू के 57 फीसदी विधायक करोड़पति हैं तो वहीं राजद के 65 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं. राजद के 28 नवनिर्वाचित विधायक करोड़पति हैं। कांग्रेस के 14 यानी 68 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने ये आंकड़े जारी किए हैं जो बताते हैं कि बिहार में चुना गया हर दूसरा विधायक करोड़पति है तो वहीं हर 10 में से 7 विधायक दागी हैं।
