

मुखर संवाद के लिये ब्यूरो रिपोर्टः
रांची: पूर्व मंत्री सी.पी. सिंह के घर 17 वर्षो से जमे हुए हाउसगार्ड को हेमंत सरकार ने हटा लिया है। हाउसगार्ड को हटाने के साथ ही पूर्व मंत्री आगबबूला हो गये है। सी.पी. सिंह लंबे अर्से से हाउसगार्ड रखे हुए थे जबकि मामला डोमीसाइल के समय का है जब राजधानी रांची में सुरक्षा के लिहाज से दिये गये थे। इस घटना के बाद राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि सी.पी. सिंह पिछली बार जब नगर विकास मंत्री थे तो दो बंगलों पर कब्जा किया हुआ था। एक तो कई वर्षो सये रह रहे थे लेकिन सत्ता की धौस के कारण मंत्रित्व काल में एक और बंगले को अपने आवास में मिलाकर रहने लगे थे। लेकिन जब मंत्री पद से हटे तो कई महीनों तक बंगला खाली नहीं किया उसके बाद आवास विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया। अब हाउस गार्ड को भी वापस नहीं करने के बाद देर रात इसे हटाने का फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने पूर्व मंत्री सीपी सिंह की सुरक्षा छीन ली है।
सरकार के आदेश पर रांची पुलिस ने सीपी सिंह के आवास पर तैनात हाउस गार्डों की टीम को बुधवार देर रात वापस बुला लिया। इस टीम में चार जवान व एक हवलदार थे। हाउस गार्ड वापस बुलाए जाने के बाद सीपी सिंह ने डीजीपी एमवी राव को एक मैसेज किया, जिसमें लिखा था – थैंक्स फॉर रिवेंज। इस मामले में रांची पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे। सीपी सिंह के यहां पिछले 17 साल से हाउस गार्ड तैनात थे। उस वक्त डोमिसाइल आंदोलन को देखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, जिसे लगातार जारी रखा गया। बुधवार देर रात अचानक उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई। इस घटना से बौखलाये पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे उनके आवास के पास एक वज्र वाहन आकर रुका। तब हाउस गार्ड के जवान खाना बना रहे थे। वज्रवाहन में तैनात जवानों ने खाना बना रहे हाउस गार्ड के जवानों को खाना भी नहीं खाने दिया और वज्र वाहन मं बैठाकर अपने साथ लेकर चले गए। इस घटना के बाद सीपी सिंह आक्रोशित थे। उन्होंने कहा कि डीजीपी के आयरन हैंड की शुरुआत उन्हीं से हुई है। हालंाकि कानूनन सी.पी. सिंह को हाउस गार्ड वापस करना चाहिये था लेकिन जब 17 वर्षो बाद भी हाउस गार्ड वापस नहीं किया तो हाउस गार्ड को बुलाया गया जिससे सी.पी. सिंह और उनके समर्थक सोशलमीडिरूा पर अपनी फड़ास निकाल रहे हैं।
