जेपीएससी की परीक्षा को लेकर हो रहे बवंडर को जेपीएससी आगे आकर नकारा , ना ही जेपीएससी की पीटी दुबारा होगी और ना ही अब मुख्य परीक्षा रोकी जायेगी

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मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: अब ना ही जेपीएससी की पीटी दुबारा होगी और ना ही अब मुख्य परीक्षा रोकी जायेगी। यह स्पष्ट रूप से जेपीसएससी की ओर से घोषणा कर दी गयी है। इस घोषणा के बाद जेपीएससी के परीक्षाा को लेकर संशय समाप्त हो गया है। झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं से 10वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) का रिजल्ट जारी होने के 24 दिन बाद गुरुवार को कट ऑफ मार्क्स जारी कर दिया गया। साथ ही अभ्यर्थियों द्वारा उठाए गए 20 सवालों का जवाब देकर ऑयोग ने अपना स्टैंड साफ कर दिया कि न तो पीटी रद्द होगी और न ही मुख्य परीक्षा स्थगित होगी।

लेकिन आयोग के जवाब से अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे देवेंद्र नाथ महतो और छात्र नेता मनोज यादव ने कहा कि आयोग ने किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया है। पूछा गया था कि लोहरदगा, साहिबगंज और लातेहार के एक-एक परीक्षा केंद्र पर सीरियल रोल नंबर वाले अभ्यर्थी पास हो गए। इसके जवाब में आयोग ने बस इतना कहा कि साहिबगंज और लोहरदगा में ऐसे उदाहरण मिले हैं। इस साल पीटी में सबसे अधिक 3.70 लाख अभ्यर्थी थे, जो पहले की अपेक्षा कई गुना अधिक है। अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए ही प्रोविजनल क्वालिफाइड किया गया है। हालांकि जांच जारी रहेगी। छोटी संख्या को लेकर पूरी परीक्षा के रिजल्ट को रोका नहीं जा सकता।

11 लोगों को वार्ता के लिए बुलाया था, ज्यादा क्यों जा रहे थे रू विधायक लंबोदर महतो के नेतृत्व में अभ्यर्थी गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस से मिले। अभ्यर्थियों ने कहा कि साहिबगंज और लोहरदगा समेत अन्य जिलों के परीक्षा केंद्र पर सीरियल रोल नंबर वाले अभ्यर्थी पास हो गए। 230 अंक वाले भी सफल रहे, जबकि अधिक अंक लाने वाले फेल हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए जेपीएससी जा रहे थे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस पर राज्यपाल ने उन्हें नसीहत दी कि जब जेपीएससी ने 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को वार्ता पर बुलाया था तो अधिक संख्या में क्यों जा रहे थे। उधर, पीटी रद्द करने की मांग को लेकर मोरहाबादी में बापू वाटिका के पास 25वें दिन भी आंदोलन जारी रहा।

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