
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार गुरुवार को दूसरी बार शपथ लेगी। इसमें 64 मंत्री हो सकते हैं। शपथ समारोह शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होगा। सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले मोदी शाम 4ः30 बजे मंत्रीपद संभालने वाले नेताओं से लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मुलाकात करेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नेताओं को फोन किया है। इनमें कई नए चेहरे हैं। इस बार विदेश और वित्त मंत्रालय को लेकर सस्पेंस बरकरार है। 2014 में 45 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। हालांकि, बाद में कुल मंत्रियों की संख्या 76 हो गई । नेताओं को आया शाह का बुलावा आ चुका है। डीवी सदानंद गौड़ा, गिरिराज सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रकाश जावड़ेकर, हरसिमरत कौर बादल, मनसुख मांडविया, नितिन गडकरी, रामविलास पासवान, जितेंद्र सिंह, नित्यानंद राय, निरंजन ज्योति, बाबुल सुप्रियो, देवश्री चैधरी, रामेश्वर तेली, वीके सिंह, श्रीपद येसो नाइक, अर्जुन मुंडा और रमेश पोखरियाल निशंक.
झारखंड में 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली एनडीए गठबंधन को केंद्र सरकार में भागीदारी मिलनी तय है। केंद्र में झारखंड से दो या तीन सांसद मंत्री बन सकते हैं। इनमें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा का केंद्र में मंत्री बनना पक्का है। उन्हें पीएमओ से चाय पर बुलावा आया है। इससे पूर्व नई दिल्ली पहुंचने पर अर्जुन मुंडा ने लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा से उनके आवास पर मुलाकात की। अर्जुन मुंडा आज शाम सात बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ लेंगे।
इसके अलावा सुनील सोरेन, अन्नपूर्णा देवी, पीएन सिंह, जयंत सिन्हा, सुदर्शन भगत के नाम की भी चर्चा तेज है। निशिकांत दुबे, और आजसू के चंद्रप्रकाश चैधरी जैसे बड़े नेता भी मंत्री पद की रेस में बताए जा रहे हैं। मंत्री पद को लेकर रांची से दिल्ली तक लाबिंग का दौर तेज है। पिछले लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने राज्य में 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी और राज्य के कोटे में दो राज्यमंत्री के पद आए थे। इस बार भी एनडीए गठबंधन ने राज्य की 14 में से 12 सीटें अपनी झोली में डाली। पिछली सरकार में जयंत सिन्हा और सुदर्शन भगत को राज्यमंत्री बनाया गया था। एनडीए कोटे से आजसू के चंद्रप्रकाश चैधरी के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। वैसे भी भाजपा अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, इस लिहाज से आजसू का दावा मजबूत होता दिखाई दे रहा है। मंत्री पद की रेस में अन्नपूर्णा देवी अकेली महिला होने के कारण शामिल हैं। झारखंड में छह माह के भीतर विधानसभा के चुनाव हैं। जाहिर है मंत्रियों का चयन चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। क्षेत्रीय और जातीय समीकरण भी साधे जाएंगे। इस लिहाज से संताल परगना प्रमंडल से एक मंत्री बनना तय है। कोल्हान की उपेक्षा हो सकती।
वैसे भी इस क्षेत्र से मुख्यमंत्री रघुवर दास और मंत्री सरयू राय स्वयं आते हैं। ऐसे में यहां अतिरिक्त मंत्री पद देने का कोई औचित्य नहीं है। उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर में से किसी एक का प्रतिनिधित्व होगा, यह तय है। संभव यह भी है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सामान्य और जनजातीय कोटे के अलावा ओबीसी कोटे से भी राज्य में एक मंत्री बनाया जाए। झारखंड से अर्जुन मुंडा को छोड़कर किसी भी सांसद को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का बुलावा नहीं आया है।
