
मुखर संवाद के लिये पंकज सिंह पटियाला की रिपोर्टः-
चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मंख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह किसी भी कीमत पर कांग्रेस को पंजाब की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का ठान चुके हैं। भाजपा के पंजाब चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने सिसवां फार्म हाउस पहुंच गए। यहां दोनों नेताओं के बीच पंजाब चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सबसे अहम सीट शेयरिंग की बातचीत है। पंजाब चुनाव को लेकर शुरूआती चर्चा के बाद इसकी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जेपी नड्डा को दी जाएगी। जिसके बाद अमरिंदर और नड्डा की मुलाकात हो सकती है। कैप्टन की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी होनी है। हालांकि शाह अभी व्यस्त हैं, इसलिए अमरिंदर का दिल्ली दौरा टल रहा है।
पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं। जहां कैप्टन भाजपा और शिअद (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनावी रण में होंगे। हालांकि इन पार्टियों के बीच पारंपरिक गठबंधन नहीं होगा। पहले ही सीटों का कोटा तय कर दिया जाता है। इसमें सीट शेयरिंग होगी। जिस सीट पर तीनों में से जिसके पास मजबूत कैंडिडेट होगा, उसकी पार्टी को टिकट मिलेगा। बाकी दोनों जीत में उनकी मदद करेंगे। हर सीट पर यही फॉर्मूला लागू होगा।कैप्टन अमरिंदर सिंह का पूरा जोर कांग्रेस को पंजाब की सत्ता से बाहर करना है।
वह पंजाब में सियासी दबदबा दिखाने से ज्यादा कांग्रेस हाईकमान को गलत साबित करना चाहते हैं। जिन्होंने अचानक नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाकर कैप्टन को सीएम की कुर्सी से हटा दिया। सियासी माहिर भी मानते हैं कि कैप्टन और उनके कैंडिडेट्स की हार-जीत से अधिक इसका कांग्रेस को नुकसान होना तय है। कैप्टन जितने मजबूत होंगे, कांग्रेस उतना ही पिछड़ती जाएगी।
