पूर्व थाना प्रभारी स्व लालजी यादव की संदिग्ध आत्महत्या की जांच की गुहार अब राजभवन तक पहुंची, केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सीबीआई जांच की मांग

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची : दारोगा लालजी यादव की आत्महत्या के मामले की गुहार अब राजभवन पहुच चुका है। केन्द्रीय मंत्री अन्न्पूर्णा देवी के नेतृत्व में पूर्व मंत्री मनोज कुमार यादव और नीरा यादव ने राज्यपाल रमेश वैस से मुलाकात कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री और कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज शाम राजभवन जाकर महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने पलामू जिलान्तर्गत नावा बाजार के पूर्व थाना प्रभारी स्व लालजी यादव की तथाकथित आत्महत्या पर सवाल खड़ा करते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड राज्य पूरी तरह से जंगल राज में प्रवेश कर चुका है। हत्या,लूट,बलात्कार,अवैध उत्खनन,बढ़ते नक्सलवाद ,खनिजों की तस्करी से सम्बंधित खबरें मीडिया की दैनिक सुर्खियां हैं। यह सरकार ही केवल गठबंधन से नही बनी है बल्कि इस सरकार ने अपने गठन के साथ ही राज्य में एक गठबंधन को जन्म दिया है-वह है अपराधी-माफिया-प्रशासन गठबंधन,जिसे सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे गठबंधन के कारण राज्य में विकास कार्य ठप्प है,लूट और तस्करी धड़ल्ले से जारी है। और ऐसे कारनामो पर अगर किसी ने रोक लगाने की कोशिश की तो उसे रास्ते से हटाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

अपराधियों द्वारा गढ़वा में एक आईएएस अधिकारी को कुचल कर मार देने की कोशिश हो,या जज की हत्या,पिछले वर्ष होनहार दारोगा और आदिवासी बेटी रूपा तिर्की की हत्या,सभी इसी अनैतिक गठजोड़ की परिणति हैं। विगत दिनों संजू प्रधान को जिंदा जलाकर मारना, कुछ दिन बाद फिर उसी थाना क्षेत्र में एक महिला को जला देना,पूर्व विधायक पर नक्सली हमला, उनके दो अंगरक्षकों की हत्या,जेल में अपराधियों का ऐशो आराम राज्य में बढ़ते अपराध की कहानी बयां कर रहे।

ऐसे में पलामू जिलान्तर्गत नावा बाजार थाना में पदस्थापित दरोगा स्व लालजी यादव की विगत 11जनवरी को हुई तथाकथित आत्महत्या की घटना ने फिर से अनैतिक गठजोड़ के कारनामो को उजागर किया है। स्व यादव एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की हरसंभव कोशिश की। उनके थाना क्षेत्र में अवैध उत्खनन में डीटीओ द्वारा वाहनों से हो रही अवैध वसूली को उन्होंने रोकने की कोशिश की। ऐसे में उन्हें प्रशासनिक दबाव में निलंबित करना राज्य सरकार की कार्यशैली को उजागर करता है। पिछले 25 मई को छभ्98में अपराधियों द्वारा अपहृत व्यक्ति से बड़ी फिरौती की मांग फिर व्यक्ति की हत्या के प्रसंग में भी कई पदाधिकारी संदिग्ध है। राज्य के ऐसे हालात में ना सिर्फ विकास प्रभावित है,बल्कि आम आदमी का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है । राज्य हित मे काम करनेवाले पदाधिकारियों का मनोबल टूट रहा है। स्व लालजी यादव के परिजन उनके तथाकथित आत्महत्या को मानने से इनकार किया है। जिसप्रकार से उनके मृतक शरीर के संबंध में सूचना देने,उसके पोस्टमार्टम कराने एवम आत्महत्या के संबंधित तथ्यों से परिजन संतुष्ट नही है। परिजन इसे अपराधी,माफिया और प्रशासन के नापाक गठबंधन के कारण हुई हत्या मान रहे। आज राज्य सरकार ने दबाव में तीन चार दिन बाद सीआईडी जांच कराने को तैयार हुई है परंतु बिना सीबीआई जांच के इसमे सच्चाई उजागर होना असंभव है। पहले भी रूपा तिर्की की संदिग्ध हत्या में यह सरकार लीपापोती करने का प्रयास कर चुकी है।परंतु माननीय न्यायालय के आदेश से उस घटना की सीबीआइ जांच हो रही है। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज आपसे सादर अनुरोध करता है कि परिजनों की मांग एवम जनभावनाओं को देखते हुए स्व लालजी यादव की तथाकथित आत्महत्या की जांच सीबीआई से कराने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाय।

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