मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची :-सरला बिरला विश्वविद्यालय के मानसून सत्र 2022- 23 के लिए पीएचडी शोधार्थियों का ओरियंटेशन प्रोग्राम सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ जिसमे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर गोपाल पाठक, कुलसचिव प्रोफ़ेसर विजय कुमार सिंह, डीन प्रोफेसर नीलिमा पाठक, डीन प्रोफेसर श्रीधर बी दंडीन, डीन डॉ संदीप कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर गोपाल पाठक ने वर्तमान संदर्भ में शोध के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि एसबीयू यूजीसी के मानकों के अनुसार केवल गुणवत्तायुक्त शोधार्थियों को ही रजिस्ट्रेशन का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि शोध कार्य मौलिक होना चाहिए। शोधकार्य में ईमानदारी एवं मौलिक चिंतन का होना आवश्यक है, जो समाज के लिए उपयोगी हो सके। कुलसचिव प्रोफ़ेसर विजय कुमार सिंह ने शोधार्थियों से ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुरूप शोध कार्य किए जाने की अपेक्षा जाहिर की तथा उन्हे पूरी निष्ठा एवं श्रद्धा तथा अनुशासन एवं धैर्य के साथ मौलिक चिंतन को आकार देने की बात कही।
प्रोफ़ेसर नीलमा पाठक ने पीएचडी शोधार्थियों से मोरल एथिक्स एंड वैल्यूज की चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञान का योगदान ही शोध कार्य का प्रयोजन है। अर्जित ज्ञान को व्यापक और विस्तृत बनाना ही शोध का उद्देश्य होना चाहिए। शोध कार्य केवल अनुसंधान नहीं या ज्ञान मंथन चिंतन का परिणाम है। शोध कार्य उत्तम मौलिक व समाज उपयोगी तथा राष्ट्र के लिए उपयोगी हो।
इस अवसर पर प्रोफ़ेसर श्रीधर दंडीन ने रिसर्च प्रोग्राम के बारे में विधिवत जानकारी साझा की। कार्यक्रम का संचालन डॉ वेंकटा नागा लक्ष्मी दुर्गा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता डॉ एस जीवा चिदंबरम ने पूरी की। नेशनल एंथम के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, डीन्स, एसोसिएट डीन्स, प्राध्यापक एवं नव नामांकित शोधार्थी उपस्थित थे।
