मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: आईएएस पूजा सिंहल के बाद अब आईएएस छवि रंजन को ईडी ने गिरफ्तर कर लिया है। आइएएस अधिकारियों के घोटाले को लेकर झारखंड परेशान है। राज्य सरकार के अधिकारी छवि रंजन से पुछताछ में ईडी को काफी सबूत मिले हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित अवैध भूमि बिक्री से संबद्ध धन शोधन की जांच कर रही है। इसी सिलसिले में झारखंड के आईएएस अधिकारी छवि रंजन को पूछताछ के लिए तलब किया गया था। उन्होंने इसके लिए दो सप्ताह का समय भी मांग था, लेकिन मंजूरी नहीं मिलने के बाद उनसे पूछताछ की गई थी। इससे पहले भी एजेंसी ने उनसे संक्षिप्त पूछताछ की थी, जब इस मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में उनके तथा अन्य के परिसरों में छापेमारी की गई थी। मालूम हो कि गत 13 अप्रैल को आईएएस छवि रंजन के रांची स्थित दो व जमशेदपुर स्थित एक ठिकाने सहित कुल 22 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान ईडी को बड़गाईं अंचल कार्यालय के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास से सरकारी फाइलें व सैकड़ों जमीन के डीड मिले थे। एजेंसी ने छापेमारी के बाद झारखंड सरकार के एक अधिकारी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। एजेंसी रक्षा जमीन से संबंधित एक भूखंड समेत 12 से अधिक जमीन सौदों के मामले में जांच कर रही है, जिसमें जमीन माफिया, बिचैलिए और नौकरशाह सहित एक समूह साठगांठ कर कथित तौर पर 1932 की शुरुआत से ही जमीन के कामों और दस्तावेजों की धोखाधड़ी में शामिल है। पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू करने के लिए संघीय जांच एजेंसी ने संबंधित नागरिक अधिकारियों द्वारा दर्ज कुछ जाली व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजों के बारे में पुलिस प्राथमिकी का संज्ञान लिया।
13 अप्रैल को आईएएस छवि रंजन के रांची स्थित दो व जमशेदपुर स्थित एक ठिकाने सहित कुल 22 ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था। इस दौरान ईडी को बड़गाईं अंचल कार्यालय के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास से सरकारी फाइलें व सैकड़ों जमीन के डीड मिले थे।झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने आईएएस छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर रांची में अवैध रूप से जमीन हड़पने और बेचने का आरोप है। उन पर इससे जुड़े भूमि घोटाले के मामले में कार्रवाई की गई है। वर्तमान में रंजन झारखंड के समाज कल्याण विभाग में निदेशक पद पर हैं। ये घोटाले उनके रांची के डिप्टी कमिश्नर के कार्यकाल के दौरान किए गए थे। छवि रंजन की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी के साथ्ज्ञ उनके वकील भी पहुंचे थे लेकिन उनको मिलने नहीं दिया गया।
