
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची : एसबीआई की ओर से राजनीतिक पार्टीयों के चुनावी बॉड की जानकारी जून महीने तक देने की घोषणा के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद एसबीआई की ओर से जानकारी देने की घोषणा करने पर कांग्रेस सड़कों पर आकर मुखर हो गयी है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सभी जिला अध्यक्षों को 7 मार्च को जिला मुख्यालय में स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा के विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है साथ ही सभी पूर्व विधायकों,पूर्व जिला अध्यक्ष ,प्रदेश पदाधिकारीयों प्रखंड अध्यक्ष एवं वरीय नेताओं से प्रदर्शन में आवश्यक रूप से भाग लेने का अनुरोध किया। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने बताया कि विगत दिनों उच्चतम न्यायालय द्वारा भाजपा की चुनावी बांड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने और असंवैधानिक करार दिया था और इस योजना द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदे की सूची सार्वजनिक करने और 6 मार्च के पहले उसे चुनाव आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।
श्री शांति ने बताया कि 2017 से प्रारंभ इस योजना के द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों को सामूहिक रूप से हजारों करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे ,अकेले भारतीय जनता पार्टी को चुनावी बांड की कुल राशि का अकेले 55þ राशि प्राप्त हुई है। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले उद्योगपति घरानो से अपने संबंधों का खुलासा होने से डर रही है और इसी कारण भारतीय स्टेट बैंक को मोहरा बनाकर अपने इस काले धन के स्रोत की जानकारी को चुनाव तक रोकना चाहती है।इसी वजह से भारतीय स्टेट बैंक जो देश का सबसे बड़ा कंप्यूटर कृत बैंक है उच्चतम न्यायालय में आवेदन देकर जानकारी का विवरण साझा करने के लिए 30 जून तक का समय मांग रही है ताकि उस समय तक देश में चुनाव खत्म हो जाए और देश की जनता के सामने भाजपा के काले धन के स्रोत का खुलासा ना हो पाए।
