
मुखर संवाद के लिये शिवशंकर सिंह की रिपोर्टः-
आराः बीजेपी के पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ विरोध का बिगूल फूंक दिया है। बिहार के आरा संसदीय सीट से चुनाव हारने का मलाल अभी तक बीजेपी के पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के दिल में कांटों की तरह चुभ रहा है। उनके मन में सबसे ज्यादा इस बात को लेकर चोट पहुंची है कि इस हार की वजह कोई दूसरा नहीं बल्कि अपने ही लोगों के षड्यंत्र का शिकार हुए। आरा के पूर्व सांसद सह बीजेपी के कद्दावर नेता पूर्व ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो-जो लोग मेरे हार के षड्यंत्र में शामिल थे, अगर उन लोगों को पार्टी टिकट भी देती है तो हम उनके खिलाफ सामने आकर उन्हें हराएंगे। जबकि आरके सिंह ने पहली बार भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह का नाम लेकर उनके काराकाट सीट से चुनाव लड़ने पर भी बड़ी प्रतिक्रिया दी है।
जहां आरके सिंह ने कहा है कि पवन सिंह खड़े हुए थे। ये पवन सिंह की गलती नहीं थी, बल्कि यह भाजपा की गलती थी। भाजपा ने उनको कहा कि हम टिकट देंगे। आसनसोल से टिकट भी दे दिया। इसके बाद वहां पर हल्ला हुआ तो फिर पार्टी ने कहा कि नहीं, विड्रोल कर दीजिए और आप कहीं और से टिकट ले लीजिए। जब टिकट नहीं दिया तब वह अपने आप खड़े हो गए। ये आप लोग भी जानते हैं कि हम दो टूक बोलते हैं। पवन सिंह को हमारे पार्टी के लोगों के द्वारा पैसा देकर खड़ा कराया गया।
हमारे ही पार्टी के लोगों के द्वारा पैसा देकर और पीठ ठोंक कर हमारे खिलाफ पवन सिंह को खड़ा कराया गया था। जबकि आर के सिंह ने कहा कि चुनाव में हमारे साथ पार्टी के अंदर के लोग ही दगाबाजी और गद्दारी की है। क्योंकि बीच-बीच में ऐसी हवा बह रही थी कि हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, आरके सिंह जैसा हो। इस बात से डरकर जो-जो लोग मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, उनकी नजर में हम चढ़ गए और उन लोगों ने षड्यंत्र रचते हुए यहां के कुछ लोगों को इशारा कर दिया। जिसके बाद यहां के लोगों को पोलिंग स्लो करवाना और किसी तरह हमको जीतने से रोकना था। उन्हें किसी भी हालत में ये षड्यंत्र कायम रखना था।
मुखर संवाद से बातचीत के दौरान आरके सिंह ने कहा है कि हमने पार्टी के कई टॉप नेताओं से भी यह बात बोली थी कि आप एक बार कह देंगे तो वो बैठ जाएगा, लेकिन किसी ने नहीं कहा कि पवन सिंह बैठ जाए। जिसका नतीजा हुआ कि कुशवाहा, राजपूत और ब्राह्मण का वोट कट गया। इसके वजह से जनता ने ऐसे पार्टी राजद और माले को वोट किया जो कहते थे भूरा बाल साफ करो, आज उसके पास कोई नहीं जाएगा। आरके सिंह ने बीजेपी पार्टी में आने से पहले का अपना मकसद जाहिर करते हुए बताया कि बीजेपी ज्वाइन करने से पहले अपनी पार्टी बनाना चाहते थे, जिसमें वो भ्रष्ट नेता और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ खड़ा रहना चाहते थे।अपनी पार्टी में पढ़े-लिखे और ईमानदार लोग ही रखना चाहते थे जो बिना किसी भेद-भाव और जात-पात से ऊपर उठकर राजनीति करना चाहते हों। आज देश में वैसी ही राजनीति होना चाहिए, जिसमें पढ़े-लिखे और चरित्रवान लोग आगे आएं। तभी देश का विकास होगा और तभी हम महाशक्ति बन सकते हैं। वहीं आरके सिंह ने सिर्फ ऐसे ही बोलने से महाशक्ति नहीं बनने का भी लोगों को सलाह देते हुए अपील किया कि जब तक हम लोग देश को चरित्रवान अपने कर्म चरित्र को नहीं सुधारेंगे तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे।
वहीं आरके सिंह ने चुनाव में दगाबाजी और गद्दारी करने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए साफ तौर पर ताल ठोककर कहा कि अगर जिन नेताओं के इशारे पर इस काम को करने वाले लोग हैं और उन्हें चुनाव में अगर टिकट मिलेगा तो हम उसके खिलाफ खड़े रहेंगे और उसे जीतने नहीं देंगे, ये मेरा अपने ही घर में प्रण है।
