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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
पटना: तेजस्वी यादव ने केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान पर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनको पाकिस्तान भेजने की बातें करते थे उनकी चिन्ता अब एनडीए के नेताओं ो हो रही है। एनडीए के नेता मुस्लिमों को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिये चिल्ला रहे हैं। बिहार की राजनीति में जो समुदाय कभी सत्ता-समीकरण तय करता था, अब उसकी हिस्सेदारी टिकट की सूचियों से गायब होती जा रही है. राज्य की 17.7 प्रतिशत मुस्लिम आबादी आज सबसे बड़ी संख्या में मतदाता है, लेकिन सबसे कम आवाज वाली बन गई है. मुसलमानों के नाम अब सिर्फ वोट बैंक की गिनती में शामिल किए जा रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चिराग पासवान ने मुस्लिम प्रतिनिधित्व के सवाल को उठाते हुए एक्स पर लिखा- 2005 में मेरे नेता पिता स्व. रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी- तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया. राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं था.आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी? चिराग पासवान का जवाब देते हुए, तेजस्वी यादव ने कहा- बीजेपी ये इच्छा भी हम पूरी करेंगे।
तेजस्वी यादव ने बीजेपी के नेताओं की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जिनको बीजेपी के लोग कभी पाकिस्तान भेजने की बात करते थे, अब उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात करने लगे हैं. उनकी यह इच्छा भी हम लोग पूरा करेंगे। बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या राज्य में करीब 17.7ः है, यानी लगभग हर पांचवां वोटर मुस्लिम है, लेकिन उम्मीदवारों की सूची देखिए, तो तस्वीर बिल्कुल उलट है। इस बार न बीजेपी, न जेडीयू, न ही राजद या कांग्रेस, किसी ने भी मुसलमानों को पहले जैसा प्रतिनिधित्व नहीं दिया, टिकट कम हुए हैं, उम्मीदें टूटी हैं और विधानसभा में आवाज पहले से भी कमजोर पड़ गई है। राज्य की कुल 243 सीटों में मुसलमान उम्मीदवारों की संख्या इस बार 60 के करीब है। लेकिन दिलचस्प ये है कि गठबंधन में शामिल बड़े दलों ने ही सबसे कम टिकट दिए हैं. नीतीश कुमार की जदयू ने 101 उम्मीदवारों की लिस्ट में सिर्फ 4 मुस्लिम नाम शामिल किए हैं कृ जिनमें दो महिलाएं हैं. वहीं भाजपा, जो 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. हम और रालोपा – ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया.चिराग पासवान ने भी मुस्लिम उम्मीदवार को सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से टिकट दिया है.
नीतीश कुमार की पार्टी ने 2020 में 10 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, मगर एक भी सीट जीत नहीं पाई थी. शायद यही कारण है कि 2025 में सीटें आधी करने का फैसला लिया गया. राष्ट्रीय जनता दल की 143 उम्मीदवारों की सूची में सिर्फ 18 मुस्लिम नाम हैं। 2020 में यह आंकड़ा भी यही था, मगर तब पार्टी ने 8 मुस्लिम उम्मीदवार जिताने में सफलता पाई थी. कांग्रेस ने अपने 60 प्रत्याशियों में 10 मुस्लिमों को टिकट देकर थोड़ा संतुलन साधने की कोशिश की है, कम्युनिस्ट पार्टी आंफ इंडिया (माले) ने 2 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी ने भी मुस्लिम उम्मीदवार को सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से टिकट दिया है.
