
मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्ट:-
रांची: रांची विमेंस कॉलेज, रांची की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में आजएक विशेष प्रेरक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था सेल्फ लव, हीलिंग और इनर स्ट्रेंथ । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेल्फ लव लाइफ कोच अश्विनी बी. कुमार, जो सेल्फ के रूप में जाने जाते हैं। मुख्य वक्ता श्री अरिर्श्वन बी. कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि सेल्फ लव यानी आत्म-प्रेम कोई विलासिता नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का आधार है। उन्होंने कहा कि “जब आप स्वयं को स्वीकारना सीख लेते हैं, तब संसार आपके प्रति अधिक सहज हो जाता है। निदान की प्रक्रिया भीतर से शुरू होती है, और वही हमें आंतरिक शक्ति प्रदान करती है।” उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि वे अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय उन्हें समझें, आत्म-संवाद करें और हर दिन स्वयं के प्रति आभार व्यक्त करने की आदत डालें। उन्होंने रेकी और एनएलपी तकनीकों के माध्यम से ‘इंनर स्टेंथ’ विकसित करने के कुछ व्यवहारिक उपाय भी बताए, जिन्हें छात्राओं ने अत्यंत रुचि से सुना।
रांची विमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ. विनीता सिंह ने अपने प्रेरक उद्घाटन संबोधन में कहा कि आत्म-प्रेम और आत्म-संतुलन आज की पीढ़ी के लिए अत्यंत आवश्यक गुण हैं। उन्होंने कहा कि जब हम स्वयं से प्रेम करना सीखते हैं, तब जीवन की चुनौतियाँ हमें तोड़ नहीं पातीं, बल्कि हमें और अधिक मजबूत बनाती हैं।
अतिथि के रूप में सुश्री राधा सिंह ने छात्राओं को आत्म-जागरूकता और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी। राधा सिंह ने कहा है कि दात्म जागरूकता से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। जीवन में हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिये स्वयं से प्यार और स्वयं पर भरोसा रखना ही होगा। बदलते दौर में हमें खुद को दुनिया के स्पर्द्धा में तैयार रखना होगा। कार्यक्रम में महाविद्यालय उप प्राचार्या डॉ रेणु कुमारी, डॉ पराग गुरु, डॉ आरती मोदक, डॉ किरण तिवारी, डॉ मीरा कुमारी सहित अनेक शिक्षिकाएँ एवं छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित थीं। सभी ने वक्ता के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और इस व्याख्यान ने उन्हें आत्म-स्वीकृति और आत्मविश्वास की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करनेवाला बताया । कार्यक्रम का संचालन और संयोजन राष्ट्रीय सेवा योजनाकी प्रोग्राम ऑफिसर्स डॉ. कुमारी उर्वशी, डॉ. कुमारी भारती सिंह एवं डॉ. हर्षिता सिन्हा ने किया। अंत में डॉ. कुमारी उर्वशी ने मुख्य वक्ता, अतिथियों, प्राचार्या महोदया तथा समस्त उपस्थित जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवतियों के व्यक्तित्व-निर्माण में सार्थक भूमिका निभाते हैं।
