
रांची: कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा है कि पिछले 4 वर्षो में जो कार्य हुए हैं वो किसी भी कार्यकाल से आगे हैं। 4 साल रघुवर सरकार के बेमिशाल साबित हुए है जो समाज के वंचित वर्ग रहे हैं उनको ध्यान में रखकर कल्याण विभाग के योजनायें बनाये गये हैं। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्य्क एवं पिछडा वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक रुप से मजबूत बनाने के लिए 143 आवासीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. डॉ मरांडी ने बताया कि आवासीय विद्यालयों में क्वालिटी शिक्षा देने के लिए प्रयोगशाला, पुस्तकालय और आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है. डॉ मरांडी ने बताया कि केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा 69 एकलव्य विद्यालय खोलने की स्वीकृति दी गई है. इसमें 23 विद्यालयों के निर्माण पर करीब 524 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्य्क एवं पिछडा वर्ग के सशक्तीकरण और स्वावलंबन पर सरकार का विशेष जोर है. इनके शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, और कौशल विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका फायदा उन्हें मिल रहा है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक एवं पिछडा वर्ग विभाग की मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने आज सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही. डॉ मरांडी ने कहा कि जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाने, उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उनकी परंपरागत कला-संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने व बढावा देने के मकसद से ही इस विभाग का पृथक तौर पर गठन किया गया है. डॉ मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जातिध् जनजाति सिविल सर्विसेज प्रोत्साहन योजना शुरू किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा उतीर्ण करने उपरांत मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. डॉ मरांडी ने बताया कि प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 23,15 लाख विद्यार्थियों और प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के तहत 2.54 लाख विद्यार्थियों को डीबीटी के माध्यम छात्रवृति दी गई है. इसके साथ साइकिल योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को डीबीटी के जरिए उनके बैंक खाते में 3500 रुपए दिया जा रहा है, ताकि वे अपनी पसंद के हिसाब से साइकिल खरीद सकें.डॉ मरांडी ने बताया कि युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए प्रेक्षा फाउंडेशन के द्वारा 20 जिलों मंक 25 कल्याण गुरुकुल और रांची के चान्हो प्रखंड में नर्सिंग कॉलेज तथा आईटीआई कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. अभीतक कल्याण गुरुकुल के माध्यम से 8690 युवाओं को प्रशिक्षित करते हुए कुल 7626 युवाओं को देश-विदेश में रोजगार उपलब्ध कराया गया है. डॉ मरांडी ने कहा कि जनजातीय संस्कृति को अक्षुण बनाए रखने के साथ बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसके अंतर्गत आदिवासी सांस्कृतिक केंद्र, मांझी मानकी हाउस, धुमकुड़िया निर्माण से जुड़ी 581 योजनाएं पिछले साढ़े चार सालों में स्वीकृत की गई हैं. इसके साथ राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पटल पर जनजातीय संस्कृति को पहचान दिलाने के लिए सरहुल, करम और सोहराय पर्व को लेकर विशेष पोस्टल कवर और विशेष डाक टिकट जारी किया गया है. शहीद ग्राम योजना के अंतर्गत बिरसा मुंडा, गया मुंडा, जतरा टाना भगत, वीर बुध भगत, सिद्धू कान्हू, नीलांबर-पीतांबर, दिया एवं किशुन, पोटो हो, तेलंगा खड़िया और भागीरथ मांझी के ग्रामों को चयनित कर वहां आवास, पेयजल, सोलर लाइट और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके साथ रांची स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल को संग्रहालय के रुप में विकसित किया जा रहा है. यहां झारखंड के जनजातीय स्वतंत्रतता सेनानियों की प्रतिमा लगाने के साथ उनकी जीवनी के बारे में लाइट एंड साउंड प्रोग्राम के तहत जानकारी भी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा आवास योजना के तहत बन चुके 4000 यूनिट आवासों का गृह प्रवेश बहुत जल्द कराया जाएगा
