कोरोना का कहर अब आस्था पर भी हावी, रजरप्पा का छिन्मस्तिका मंदिर को कल से श्रद्धालूओं के लिये बंद किया गया

Jharkhand झारखण्ड

रामगढ़ से संतोष महतो की रिपोर्टः-

रामगढ़:  कोरोनावायरस का प्रकोप अब आस्था पर भी हावी होता हुआ दिखाई दे रहा है। कोरोनावायरस के कारण कल से 14 मार्च तक छिन्नमस्तिके मंदिर श्रद्धालूओं के लिये बंद कर दिया गया है। कोराना के प्रकोप से बचने के लिए रजरप्पा थाना क्षेत्र स्थित सिद्धपीठ छिन्नमस्तिका मंदिर को 20 मार्च से 14 अप्रैल तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। उपायुक्त डीसी संदीप सिंह ने छिन्नमस्तिका मंदिर न्यास समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद इसै फैसले की घोषणा की है। लगभग 400 साल के इतिहास में पहली बार इतने लंबे समय के लिए छिन्नमस्तिका मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है। कल से ही यानि बुधवार से छिन्नमस्तिका मंदिर में विदेशी पर्यटकों की इंट्री पर रोक लगा दी गई थी। झारखंड में अब तक का यह पहला आदेश है, जिसमें कोरोनावायरस की वजह से किसी मंदिर में विदेशी समेत आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। बैठक में डीसी संदीप सिंह, एसडीओ अनंत कुमार, चितरपुर बीडीओ, छिन्नमस्तिका मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष अशेष पंडा, सचिव शुभाशीष पांडा के अलावे असीम पंडा, लोकेश पंडा सहित कई दुकानदार मौजूद थे। वहीं, आम श्रद्धालुओं तक सूचना पहुंचाने के लिए छिन्नमस्तिका मंदिर आने वाले पेटरवार के प्रवेश द्वार गोला-चितरपुर व चितरपुर ओवरब्रिज और रामगढ़ शहर में बैनर पोस्टर लगाने का निर्णय लिया गया है। मंदिर के बंदी के दौरान पुजारियों द्वारा मंदिर में रोजाना पूजा के तहत सुबह की मंगल आरती, दोपहर में माता का भोग और रात में संध्या आरती होगी। इसमें आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस आदेश के बाद मंदिर परिसर में स्थित ज्यादातर दुकानदारों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन के आदेश का क्रियान्वयन के लिए इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारियों के साथ पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। कोरोना के भय के कारण सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर में काफी कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे थे। पुजारियों की मानें तो दिनभर में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो से तीन सौ रह गई थी। भीड़ कम होने के कारण दुकानदारों की भी परेशानी बढ़ गई। झारखंड में प्रसिद्ध छिन्न्मस्तिका मंदिर के बंद होने से श्रद्धालूओ ंको काफी परेषानी हो रही है। इसे लेकर हिन्दू समाज में चिन्ता जतायी गयी है।

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