मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड में जनता की औसत आमदनी लगभग छह हजार प्रति महीने है जबक हमारे माननीय जो सदन के अंदर मारपीट करने की नज्ञैबत ले आते हैं उनके वेतन अब ढ़ाई लाख से भी अधिक होंगे। झारखंड के विधायकों का वेतन भत्ता प्रति माह करीब 68 हजार रुपये तक बढ़ेगा। अभी विधायकों का वेतन-भत्ता 2.20 लाख है, बढ़ोतरी के बाद 2.88 लाख होंगे। विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन को लेकर गठित विशेष समिति ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा को सौंप दी है। समिति ने विधायकों के मूल वेतन 40 हजार रुपये बढ़ाकर 60 हजार रुपये करने की अनुशंसा की है। इस अनुशंसा के अनुसार वेतन-भत्ता मिलाकर 68 हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायकों की ओर से सर्वसम्मति से वेतन-भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था। इसके बाद बीजेपी विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में विशेष समिति समिति का गठन किया गया था। इस समिति में प्रदीप यादव, भानु प्रताप शाही, दीपिका पांडेय और समीर कुमार मोहंती सदस्य थे।
समिति ने अपनी अनुशंसा में कहा कि वर्तमान विधानसभा के सदस्यों को वर्ष 2017 में निर्धारित वेतन-भत्ता और पेंशन प्राप्त हो रहा है। इसलिए जरूरी है कि बढ़ती हुई महंगाई को देखकर सदस्यों का वेतन और भत्ता के साथ पेंशन में एक उचित राशि की वृद्धि की जाए। विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने अब इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार से वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की अनुशंसा करंगे । इसी आधार पर सरकार बढ़ोतरी का फैसला लेगी। विधायकों के निजी सहायतों का वेतन भी 35 हजार रुपये से बढ़कर 50 हजार रुपये किए जाएंगे। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को भी रांची में निःशुल्क आवास, एक निजी आप्त सचिव, दो दिनचर्या लिपिक और दो अनुसेवक, गाड़ी और ड्राइवर देने का प्रस्ताव हैं। इस प्रस्ताव के स्वीकृति के साथ ही विधायकों के पौ बारह हो जायेंगे।
