
रिपोर्टः शिल्पी प्रिया
रांची: राज्य के 141 कैदियों को राज्य सरकार रिहा करेगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड की बैठक में राज्य की जेलों से आजीवन कारावास के 141 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बन गई। बोर्ड के सामने 153 कैदियों की सूची रखी गई थी, जिसमें 12 कैदियों पर विचार नहीं किया गया। उनके मामले अस्वीकृत कर दिए गए। मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सजा काट चुके कैदियों को भी सामान्य जिंदगी जीने का हक है। उन्होंने जाने-अनजाने में जो गलती की थी, उसकी सजा उन्हें मिल गई है।अब उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना समाज के हर व्यक्ति का काम है। भारत का संविधान सभी को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। कई ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जिसमें कैदी सजा काट चुका होता है, लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वह बरी होने से वंचित हो जाता है। प्रत्येक तीन महीने में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा किया जाना चाहिए। भारत का संविधान सभी को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। कई ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जिसमें कैदी सजा काट चुका होता है, लेकिन गरीबी के कारण कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं होने से वह बरी होने से वंचित हो जाता है। प्रत्येक तीन महीने में पर्षद की बैठक कर ऐसे मामलों का तुरंत निपटारा किया जाना चाहिए।
