
रांची से अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: चुनाव में नेताओं को झूठा वादा करना महंगा पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता को काला धन आने पर 15 -15 लाख रूपये प्रति व्यक्ति देने का वादा किया था लेकिन वो वादा झूठा ही साबित हुआ जिसे लेकर लोग अब कार्रवाई करने लगे हैं। झारखंड हाईकोर्ट के वकील हरेंद्र कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले को भी आरोपी बनाया है। उन्होनंे कोर्ट से अनुरोध किया है कि तीनों आरोपी अपने चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे से मुकर गए हैं, इसलिए तीनों के खिलाफ संज्ञान लेकर धोखाधड़ी के मुकदमे की सुनवाई शुरू की जाए। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार गुड़िया की अदालत में दाखिल शिकायतवाद की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी। याचिकाकर्ता हरेन्द्र सिंह ने कहा है कि 2014 के आम चुनाव से पहले 7 नवंबर 2013 को नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के कांकेर की रैली में वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो वे विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाकर हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा कराएंगे। लेकिन आजतक ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा 3 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने की बात भी झूठी साबित हुई है। अमित शाह ने 5 फरवरी 2015 को दिये गये एक न्यूज चैनल पर अपने साक्षात्कार में इन वादों को चुनावी जुमला बताया था। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने 18 दिसंबर 2018 को महाराष्ट्र के सांगली में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अपने घोषणा पत्र पर भाजपा आज भी कायम है। हरेंद्र सिंह ने मुखर संवाद से बातचीत करते हुए कहा है कि उन्होनंे जब प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले में जानकारी तो जवाब में कहा गया कि यह आरटीआई के दायरे से बाहर है। हरेन्द्र सिंह के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने उनकी ही नहीं बल्कि देश की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया है और देश की जनता से झुठा वादा करके गुमराह करने का काम किया है।
