


मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को बेहतर ईलाज के लिये दिल्ली भेजन की सलाह को अनसुना करना काफी महंगा पड़ा और मुख्यमंत्री की सलाह नहीं मानने के कारण ही मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत असामयिक हो गयी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बात को लेकर भी बेहद नाराज हैं कि दिवंगत मंत्री के परिजनों ने उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के लोगों को संदेश भिजवाया था कि हाजी हुसैन अंसारी को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाया जाए। मुख्यमंत्री के इस सलाह पर अमल नहीं हुआ और पिछले दिनों उनका निधन हो गया। वे रांची में मेदांता अस्पताल में इलाजरत थे। कोरोना निगेटिव होने के बावजूद चिकित्सक उन्हें नहीं बचा पाए। हाजी हुसैन अंसार की मौत के बाद अब मुख्यमंत्री कोई लापरवाही मंत्री जगरनाथ महतो के मामले में नहीं देखना चाहते हैं। इसी कारण कल उन्होंने स्वयं मेडिका अस्पताल के प्रबंधन से इलाजरत मंत्री के स्वास्थ्य का पूरा हालचाल लिया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से यह भी जानकारी ली कि आवश्यकता पडने पर उन्हें दिल्ली अथवा अन्य अस्पताल में भी शिफ्ट किया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर मंत्री को बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की आवश्यकता होगी, तो इसके लिए आवश्यक तैयारी की जाए।मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अधिकारियों ने इस बाबत तैयारी की है। मुख्यमंत्री कार्यालय भी लगातार मेडिका प्रबंधन के संपर्क में है और मंत्री जगरनाथ महतो की स्थिति से लगातार सीएम हेमंत सोरेन को अवगत कराया जा रहा है। कोरोना संक्रमित होने के बाद शिक्षामंत्री जगन्नथ महतो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके फेफड़े में संक्रमण है और सांस लेने में कठिनाई हो रही है। हालंाकि कल ही उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि वो पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं।
