
नई दिल्लीः माॅब लिंचिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र और राज्य सरकारों के खिलाफ न्याय की गुहार लगानेवालों को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मॉब लिंचिंग मामले पर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, समय आने पर इस मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि मॉब लिंचिंग मामलों पर तात्कालिक सुनवाई के आग्रह के साथ कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। मॉब लिंचिंग का ताजा मामला त्रिपुरा का है। यहां के धलाई जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास एक गांव में मवेशी चोरी के शक में भीड़ ने 38 साल के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इससे पहले झारखंड के सरायकेला के खरसावां में चोरी के शक में ही भीड़ ने 24 साल के मुस्लिम युवक को इतना पीटा था कि उसकी मौत हो गई थी। झारखंड में मॉब लिंचिंग की पहली घटना 18 मार्च 2016 को लातेहार जिले में हुई थी. यहां के बालूमाथ थाना क्षेत्र के झाबर गांव में भीड़ ने एक पशु व्यापारी मजलूम अंसारी और उनके 12 साल के सहयोगी इम्तेयाज ख़ान की पीटकर हत्या कर दी थी.इसके बाद उनकी लाशों को बरगद के एक पेड़ से फांसी से लटका दिया, ताकि लोगों के बीच दहशत पैदा की जा सकेतब वे दोनों अपने जानवरों के साथ चतरा जिले के एक पशु मेले में जा रहे थे.इस मामले में लातेहार की जिला अदालत ने 19 दिसंबर 2018 को आठ अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी. एक अभियुक्त विनोद प्रजापति आज तक फरार हैं. सजायाफ्ता अभियुक्तों ने सजा के ख़िलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील की लेकिन कोर्ट ने उनका आवेदन निरस्त कर दिया. अब इनमे से एक अभियुक्त ने दोबारा यही अपील की है. कोर्ट ने अभी इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है।
29 जून 2017 को रामगढ़ के बाजार टांड़ में करीब 100 लोगों की उन्मादी भीड़ ने अलीमुद्दीन अंसारी नामक एक मांस व्यापारी को इतना पीटा कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई. भीड़ के शक था कि वे अपनी वैन में गाय का मांस ले जा रहे थे. यह घटना तब घटी, जब प्रधानमंत्री गौरक्षा के नाम पर हो रही कथित गुंडागर्दी के खिलाफ भाषण दे रहे थे.21 मार्च 2018 को रामगढ़ कोर्ट ने इस मामले के 11 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई. हाईकोर्ट ने इनमें से 10 अभियुक्तों की सजा को निलंबित कर दिया. एक अभियुक्त ने अपना आवेदन वापस ले लिया, लिहाजा वह निरस्त कर दिया गया. अभी इस पर अंतिम निर्णय आना बाकी है।
18 मई 2017 को सरायकेला खरसांवा जिले के राजनगर (शोभापुर) इलाके में शेख हलीम, शेख नईम, सिराज खान और मोहम्मद साजिद को भीड़ ने इसलिए पीटकर मार डाला, क्योंकि उन्हें शक था कि इनलोगों ने एक वैवाहिक समारोह के भोज के लिए बीफ की सप्लाई की थी18 मई 2017 को ही पूर्वी सिंहभूम जिले के बागबेड़ा थाना क्षेत्र में भीड़ ने बच्चा चोरी का आरोप लगाकर एक महिला समेत चार लोगों को पीटा. इसमें दो सगे भाइयों, गौरव वर्मा और विकास वर्मा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
19 अगस्त 2017 को गढ़वा जिले के बरकोल खुर्द गांव के तेनडांड़ जंगल में भीड़ ने दस लोगों को कथित तौर पर मांस के साथ पकड़ा. उनकी पिटाई की. इनमें से रमेश मिंज नामक एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई. इस मामले में भी ट्रायल चल रहा है।
6 सितंबर 2018 को पलामू जिले के विश्रामपुर थाना क्षेत्र में तिसिबार गांव के लोगों ने तीन लोगों को चोर बताकर इतना पीटा कि इनमें से बबलू मुसहर नामक एक व्यक्ति की मौत अगली सुबह इलाज के दौरान हो गई. इस मामले के अभियुक्त भी ट्रायल से गुजर रहे हैं।
12 मार्च 2019 को पलामू जिले के ही हैदरनगर थाना क्षेत्र में कुछ लोगों ने कथित तौर पर वहां के वकील ख़ान और दानिश ख़ान की बहन से छेड़खानी की। दोनों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद भीड़ ने उन्हें मारा जिसमें वकील ख़ान की मौके पर ही मौत हो गई. उनकी छाती पर लोहे की रोड से वार किया गया. पुलिस अभी इस मामले के जांच कर रही है.13 जून 2018 को गोड्डा जिले के डुलु गांव के लोगों की भीड़ ने पड़ोसी गांवों के चिरागुद्दीन अंसारी और मुर्तुजा अंसारी को भैंस चोरी के आरोप में इतना पीटा कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस मामले के अभियुक्त ट्रायल से गुजर रहे हैं। 10 मई 2019 को गुमला जिले के जुरमू गांव में एक मरे बैल का मांस काट रहे चार लोगों को पड़ोसी गांव की उन्मादी भीड़ ने इतना पीटा कि इनमें से एक प्रकाश लकड़ा की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई. वे ईसाई थे. डुमरी थाने की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
18 जून 2019 को सरायकेला खरसांवा जिले के घातकीडीह गांव में भीड़ ने तबरेज अंसारी नामक 24 साल के एक युवक को चोरी के आरोप में पकड़ा. उन्हें बिजली के पोल से बांधकर पीटा. उनसे जय श्री राम और जय हनुमान के नारे लगवाए. पुलिस ने उन्हें चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तबीयत ख़राब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी 22 जून को मौत हो गई. बाद में वहां के एसपी ने कहा कि तबरेज का पिछला कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। माॅब लिंंिचग को लेकर झारखंड में अबतक कई घटनायें हो चुकी हैं।
