श्रीराम नवमी पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम और माता जानकी की उतारी आरती,मुस्लिम महिलायें बोलीं-हमारी धमनियों में बहने वाला खून हमारे हिन्दू पूर्वजों का

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मुखर संवाद के लिये प्रमिला यादव की रिपोर्टः-
वाराणसीः वासंतिक चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर रामनवमी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मोत्सव उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम और माता जानकी की आरती उतारी। फाउण्डेशन की नेशनल सदर हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में जुटीं हिन्दू-मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम प्रार्थना एवं श्रीराम आरती का गायन भी किया।

ढोल की थाप पर मुस्लिम महिलाओं ने पूरे उल्लास के साथ सोहर गाया। इस अवसर पर नाजनीन अंसारी ने कहा कि हमारी धमनियों में बहने वाला खून हमारे हिन्दू पूर्वजों का है। धर्म बदलने से न पूर्वज बदल सकते हैं, न मातृभूमि और न ही पूर्वजों के भगवान राम। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे पूर्वज भगवान राम के नाम से जुड़े थे तब तक दुनिया में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। अब लोग शक की दृष्टि से देखते हैं। हम जड़ों से जुड़े रहेंगे तो हमारा सम्मान बना रहेगा। भारत भूमि सनातनी परम्पराओं की सदियों से है। यहां जो भी है, सभी हिन्दू और सनातनी संस्कारों के ही हैं। राम के नाम से दुख दरिद्रता दूर होगी। रामराज्य से विश्व शांति की ओर जाएगा। उन्होंने कहा कि जो देश भगवान श्रीराम की भक्ति से अपने आप को अलग कर लिया, उस देश की दुर्गति निश्चित हो गयी। राम से अलग होने पर परिवार, समाज और देश में खून खराबा के अलावा कुछ नहीं बचा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश इसका उदाहरण है।

आरती पूजन के बाद मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्री राम और जगत माता जानकी से मन्नत मांगी । दुनियाभर में मुस्लिम बेटियों को जीने का अधिकार मिले, हलाला जैसी कुरीति खत्म हो, आदि विश्वेश्वर मन्दिर परिसर औरंगजेब के कलंक से मुक्त हो और स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग पर शीघ्र पूजा अर्चना शुरू हो, दुनिया रामराज्य की ओर बढ़े। कार्यक्रम में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव, फाउण्डेशन की जिलाध्यक्ष रजिया सुल्ताना, भारतीय अवाम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन, शबनम अफरोज, शबीना, परवीन बेगम, शबनम, डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, इली भारतवंशी समेत अन्य महिलाओं ने भी भागीदारी की।

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