संथालपरगना के लोगों को मिली नयी रेलगाड़ी की सौगात, लुईस मरांडी ने केन्द्र और राज्य सरकार को दिया श्रेय

Jharkhand झारखण्ड

रिपोर्टः- अशोक कुमार

रांची: केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार झारखंड के संथालपरगना पर मेहरबान दिखाई दे रही है। झारखंड की रघुवर सरकार भी संथालपरगना के विकास के लिये लागातार प्रयास कर रही है। वहीं रघुवर कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी भी संथालपरगना के विकास के लिये केन्द्र सरकार के मंत्रियों से मुलाकात कर संथाल के लिये सौगात दिलाने का प्रयास करती रही हैं। उसी सार्थक प्रयास का परिणाम है कि संथालपरगना को जल्द ही नयी रेलगाड़ी मिलेगी जिससे दुमका से लेकर जामताड़ा तक के रेलयात्रियों को काफी सुविधा होगी। संथाल परगना के लोगों को जल्द ही नयी रेलगाड़ी मिलेगी। जल्द ही जामताड़ा, फतेहपुर, नाला, कुंडी, मसलिया होते हुए दुमका तक 70 किमी रेल लाइन की शुरुआत की जायेगी। इसके साथ ही मिहिजाम में रेलवे ओवर ब्रिज बनेगा। आज मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से टेलीफोन पर बातचीत की। पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री को इस पर सहमति देते हुए जल्द ही पहल करने का सकारात्मक आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के दौरे में उन्होंने स्वयं इसकी आवश्यकता महसूस की है। इस रेल लाइन के बन जाने से क्षेत्र का विकास होगा और जनता को काफी लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र के लोगों की दशकों पुरानी मांग पूरी हो सकेगी। लोगों का आवागमन आसान हो जायेगा। इसके साथ ही मिहिजाम में रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गयी। इस ब्रिज के बन जाने के बाद मिहिजाम में लोगों को जाम से निजात मिलेगी। वहीं दुमका की विधायक और समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा है कि केन्द्र सारकार और राज्य सरकार दोनेां के प्रयास से संथाल में विकास का पहिया घुम रहा है। जो लोग संथाल की राजनीति कई दशकों से करते रहे उस परिवार ने संथालपरगना को विकास के नाम पर क्या दिया है जबकि पिछले पांच वर्षो में संथालपरगना में विकास का पहिया जिस कदर घूमा है उसे संथाल समाज ही नहीं बल्कि दूसरे स्थानों से जानेवाले लोग भी महसूस कर रहे हैं। नयी रेलगाड़ी दुमका से लेकर जामताड़ा जायेगी जिससे यहां के लोगों को न केवल सुविधा होगी बल्कि आर्थिक संपन्नता भी आयेगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड मंत्रालय में जनजातीय शोध संस्थान झारखंड द्वारा जनजातीय एटलस का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह बहुत ही हर्ष का विषय है कि डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान रांची अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा जनजातीय एटलस का प्रकाशन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के सभी जनजातीय समुदायों से संबंधित आंकड़े, ग्राफ, मैप आदि का एटलस के रूप में एक स्थान पर उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन सूचनाओं का भविष्य में जनजाति योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन, शोध कार्य एवं अन्य अध्ययनों में भरपूर उपयोग किया जा सकेगा, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। इस मौके पर मौजूद मंत्री डॉक्टर लुईस मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य के सभी जनजातीय समुदायों के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक जनांकिकी संबंधी आधार सामग्री एवं आंकड़ों का संकलन अत्यंत ही विशिष्ट एवं लाभप्रद है। यह प्रकाशन निश्चित रूप से राज्य की जनजाति कल्याण की योजनाओं के निर्माण करने तथा उनके क्रियान्वयन में सहायक होगी। आदिवासी समाज के लिये यह एटलस काफी उपयोगी साबित होगी।

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