

मुखर संवाद के लिये अशोक कुमार की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड में अगले सप्ताह कपड़े और जूते की दुकानें खुल सकती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके लिये आश्वासन दिये हैं। झामुमो ने राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अगले सप्ताह कपड़े व जूते की दुकानें और सैलून खोलने का आग्रह किया था। इसके लिए जो भी प्रोटोकाॅल हो, उसका पालन कराया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है। मास्क न लगाने वालों पर आर्थिक दंड लगाने का भी आग्रह किया है। बसों को चलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि झारखंड में राज्य पथ परिवहन निगम की बसें नहीं हैं। जो निजी बसें प्राधिकार के तहत चलाई जा रही हैं, उनमें से अधिकतर एसी बसें हैँ। इसलिए बसों को चलाने के लिए भी प्रोटोकाॅल तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार ने अनलाॅक-1 में एक जून से कई तरह की दुकानें खोलने का आदेश जारी किया था। लेकिन कपड़े और जूते की दुकानों से पाबंदी नहीं हटाई। इसके बाद चैंबर के साथ ही थोक व खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ, रेडिमेड विक्रेता संघ और जूता-चप्पल व्यापारी संघ के प्रतिनिधि सीएम से मिले थै। उनका कहना था कि व्यापारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। उनके कर्मचारियों के सामने भुखमरी की स्थिति बनने लगी है। सरकार अगले हफ्ते से कपड़ा-जूता दुकान, रेहड़ी-ठेले और सैलून को खोलने की छूट देने पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह आश्वासन शुक्रवार को उनसे मिलने पहुंचे झामुमो के प्रतिनिधिमंडल को दिया है।ग्राहकों का विवरण रखने, पूरी दुकान, खासकर सामान्य उपयोग वाले स्थानों जैसे दरवाजे, हैंडल आदि को बार-बार सेनिटाइज करने, सेल्समैन को अनिवार्य रूप से हैंड ग्लव्स और मास्क पहनने के साथ ही एक बार में सीमित ग्राहकों के प्रवेश की शर्तों के आधार पर खोलने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर सरकार बस संचालन शुरू करने के लिए भी प्रोटोकॉल तय कर रही है। मानक संचालन प्रक्रिया निर्धारित होने के बाद बस संचालन शुरू होने की भी उम्मीद बढ़ी है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कोरोना से स्वास्थ्य होने की दर देश में सबसे बेहतर है। सरकार अपने सीमित संसाधनों की मदद से काफी अच्छे से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है।
