
पतरातू से संतोष महतो की रिपोर्टः-
पतरातू: हम झारखंड के आला अधिकारी नहीं है तो क्या हुआ हमारे पति तो झारखंड के भाग्यविधाता है ही न। हमारे पतियों का इतना तो रसूख तो है ही कि झारखंड में उनके इशारे के बिना एक पत्ता तक नहीं हिल सकता। कुछ यही दास्तांन है झारखंड में पदास्थापित प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पत्नियो का। साहब इनका रसूख तो देखिये कि कैसे ये नियम और कानून को अपने पति के पाॅकेट में पड़ा हुआ जान लेती हैं।
राजधानी से सटे हुए पतरातू लेक रिजॉर्ट को रामगढ़ जिला प्रशासन ने रविवार को आम लोगों के लिए बंद रखने की घोषणा की थी। इसके लिए प्रशासन की ओर से विज्ञापन निकाल कर सूचना जारी की गई थी। यह जानकारी दी गयी थी कि झारखंड पर्यटन विकास निगम की ओर से मेंटेनेंस कार्य कराए जाने के कारण रिजॉर्ट को बंद रखा जा रहा है। इसी बीच खबर आयी कि आइएएस वाइव्स एसोसिएशन में शामिल अफसरों की पत्नियां रविवार को ही रिजॉर्ट में पिकनिक मनाने वाली हैैं। वीआइपी महिलाओं की पिकनिक को लेकर आम लोगों का प्रवेश बंद किए जाने की सूचना फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप पर वायरल होने के बाद कुछ वेबसाइट पर इस संबंध में खबरें भी चलने लगीं। इस घटना के बाद रामगढ़ के उपायुक्त संदीप कुमार ने ट्विटर पर जानकारी दी कि रविवार को रिजॉर्ट आम लोगों के लिए भी खुला रहेगा। उपायुक्त ने अपने ट्वीट में लोगों से अपील की है कि जिन्होंने भी रविवार को पतरातू घूमने का प्लान बनाया है वे जरूर आएं, रिजॉर्ट खुला रहेगा। उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि पिकनिक के लिए नहीं बल्कि मेंटेनेंस कार्य के लिए रिजॉर्ट के बंद करने की घोषणा की गई थी। पर्यटकों को दिक्कत न हो इसके लिए विधिवत विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि रविवार को झारखंड आइएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन की वहां पिकनिक मनाने की योजना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिकनिक से किसी को बाधा नहीं पहुंचेगी। वे भी सामान्य पर्यटक की तरह वहां होंगी।
मीडिया की दखल के कारण आईएएस की पत्नियों का रसूख तो कम हुआ लेकिन फिलहाल राजनीतिक गलियारों में भी इसकी चर्चा जोरों पर है कि आईएएस झारखंड में प्रशासन को चलायेंगी या उनकी पत्नियां।
