मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची: झारखंड पासवा का एक प्रतिनिधिमंडल ’पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे’ के नेतृत्व में ’वरिष्ठ विधायक झारखंड के कद्दावर नेता सरयू राय जी’ से मुलाकात कर झारखंड के ’निजी विद्यालयों को’ वर्तमान समय में हो रही कठिनाइयों से और ’सरकार के द्वारा जारी पुनः मान्यता प्राप्ति के लिए’ एक बार फिर निजी विद्यालयों को परेशान करने के लिए ’दिए जाने वाले आवेदन के मसले’ को उनके सामने रखा। उन्होंने बताया की ’झारखंड के सभी निजी विद्यालय’ सरकार के इस ’तुगलकी फरमान के खिलाफ आने वाले 28 जुलाई को सभी शिक्षक काला बिल्ला’ लगाकर विद्यालय का संचालन करेंगे ताकि सरकार तक उनकी आवाज पहुंचे। उनसे अपील की कि आने वाले ’मानसून सत्र में इस मसले को विधानसभा में उठाएं’ तथा ’निजी विद्यालयों की मान्यता के प्रश्न पर हो रही परेशानियों पर संज्ञान लें। सरयू राय ने’ बहुत ध्यान से इस समस्या को सुना तथा पासवा के प्रतिनिधिमंडल को को आश्वस्त किया’ कि वह निश्चित रूप से ’इस मामले पर संज्ञान लेंगे’ तथा झारखंड के शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इस मसले को ’विधानसभा में मॉनसून सत्र में अवश्य उठाएंगे’..निश्चित रूप से ’छोटे निजी विद्यालयों को परेशानी से मुक्त कराने का प्रयास करेंगे।’
प्रतिनिधिमंडल ने सरयू राय को इस मसले पर आवेदन देते हुए कहा कि बहुत आशा और उम्मीद से झारखंड की शिक्षण व्यवस्था और झारखंड के 40 हजार छोटे निजी विद्यालयों को बंद होने से बचाने के लिए पासवा का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों के साथ आपसे इस मामले में संज्ञान लेने का सादर अनुरोध करता है। पासवा के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए सरयू राय ने कहा कि निश्चित रूप से छोटे निजी विद्यालय किसी भी स्थिति में आरटीआई की शर्तों का अनुपालन नहीं कर सकते। इतने कठिन शर्तों पर झारखंड में कोई भी व्यक्ति विद्यालय का संचालन नहीं कर सकता इस स्थिति में बंद हो जाएंगे झारखंड के सारे गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय अतः झारखंड के लाखों दलित आदिवासी और गरीब बच्चों के हित में उनके गुणात्मक शिक्षण व्यवस्था को कायम रखने के लिए सरकार से वार्ता अति आवश्यक है और वह निश्चित रूप से इस मानसून सत्र में सरकार का ध्यानाकर्षण निजी विद्यालयों के इस मांग की ओर रखेंगे। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय पूर्ण निष्ठा से अपने कार्यों को कर रहे हैं और उनका उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए ।इस तरह के कठोर कानून बनाने से पूरी तरह से बंद हो जाएंगे झारखंड के सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय ।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार द्वारा यह कठिन शर्त और भारी-भरकम निरीक्षण शुल्क तो पूरी तरह से गलत है इतना आर्थिक बोझ गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने उन्हें बताया सरकार के इस नीति के विरोध में संपूर्ण झारखंड के छोटे निजी विद्यालय काला बिल्ला लगाकर 28 जुलाई को अपना विरोध दर्ज करेंगे.पा स वा के प्रतिनिधिमंडल में रांची महानगर अध्यक्ष डॉ सुषमा केरकेट्टा, प्रदेश सचिव संजय प्रसाद,राशीद अंसारी, अल्ताफ अंसारी, राहुल प्रसाद, फिरोज रिजवी मुन्ना, संजीत यादव,नीरु कुमारी, प्रतिमा राय,कुमुद रंजन,मेंहुल दूबे मुख्य रुप से उपस्थित थे।
