डायन के आरोप में गढ़वा में दो महिलाअेां को निर्वस्त्र कर जमकर की पिटाई,दो आरोपपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Jharkhand अपराध झारखण्ड


मुखर संवाद के लिये ब्यूरो रिपोर्टः-
गढ़वा: झारखंड में डायन के आरोप में अपराध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पलामू के इलाके में डायन की घटनायें प्रतिदिन हो रही हैं। 8 अक्अूबर की रात को भी गढ़वा सदर थाना क्षेत्र का नारायणपुर गांव ऐसी ही एक अमानवीय घटना हुई जिसे मानवता शर्मसार हुई । डायन बिसाही का आरोप लगा ग्रामीणों ने एक परिवार की दो महिलाओं और एक युवक को निर्वस्त्र कर पीटा। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस नग्न लोगों को कपड़े पहना कर थाना लाई। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस की टीम जिस समय घटनास्थल पर पहुंची, उस समय वहां पर 50-60 लोग मौजूद थे। पुलिस को देखते ही सभी लोग वहां से भाग गए। पुलिस ने सभी घायल लोगों को अस्पताल ले जाकर इलाज कराया। अंधविश्वास में जकड़े झारखंड के गांवों में आए दिन मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं होती रहती हैं। पीडि़त पक्ष ने गढ़वा सदर थाना में 22 लोगों के विरुद्ध नामजद और 35 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार गुरुवार रात नारायणपुर गांव निवासी बली रजवार अपने 50 से अधिक सहयोगियों के साथ गांव की सड़क पर लीलावती देवी, शारदा कुंवर और छोटू कुमार पर डायन-बिसाही का आरोप लगाते हुए उन्हें निर्वस्त्र कर पीट रहा था।घटना के वक्त बड़ी संख्या में ग्रामीण तमाशबीन बने थे, लेकिन किसी ने बीच-बचाव करने का प्रयास नहीं किया। पुुलिस के अनुसार बली रजवार ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लीलावती देवी, कलपतिया देवी, शारदा कुंवर और छोटू कुमार के साथ मारपीट की। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को कपड़े पहनाने के बाद अस्पताल पहुंचाया। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही मारपीट करने वाले और घटना स्थल पर जमा अन्य लोग भाग गए।मारपीट में घायल छोटू ने बताया कि 10 दिन पहले भी डायन-बिसाही का आरोप लगा बली रजवार और उसके परिवार वालों ने मुझे, मेरी मां और मेरे परिवार वालों से झगड़ा किया था। उन लोगों का कहना था कि गांव में जितने लोग बीमार हो रहे हैं और जितने लोगों की मौत हो रही है, उन सब के पीछे तुम्हीं लोग जिम्मेदार हो। इसके बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन गुरुवार रात बली रजवार अपने परिवार और सहयोगियों के साथ उसके घर पहुंच गया। इसके बाद बलीराज और उसके सहयोगी मुझे, मेरी मां और मेरे परिवार के लोगों को डायन और ओझा कहते हुए घर से निकाल कर बीच सड़क पर ले लाकर मारपीट करने लगे।

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