
मुखर संवाद के लिये रमन कुमार की रिपोर्टः-
नयी दिल्ली: केन्द्र की मोदी सरकार के विरोध में किसान आंदोलन के बीच में केन्द्रीय बजट के तहत केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिये कृषि ऋण के बजट का आकार बढ़ाकर 16 लाख 50 हजार करोड़ रूपये कर दिये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 में किसानों को एक और बड़ी सौगात दी है। बजट में सरकार ने कृषि लोन की लिमिट को बढ़ा दिया है। सरकार ने इस बार किसानों को 16.5 लाख करोड़ तक लोन देने का लक्ष्य तय किया है। बता दें कि हर बार बजट में सरकार कृषि लोन के टारगेट को बढ़ाती है।
वर्ष 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण का लक्ष्य रखा गया था। इस बार कृषि कानूनों के विरोध में जो माहौल देश में बना हुआ है, उसे देखते हुए मोदी सरकार का फैसला काफी अहम माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां-नवाचार और अनुसंधान और विकास, 6वां स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।आम बजट 2021 देश का पेपरलेस बजट है। कोरोना वायरस महामारी के दौर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी शुरुआत की। इस बार वह स्वदेशी बहीखाता की जगह एक टैबलेट में बजट लेकर आईं, जो लाल रंग के कपड़े के भीतर रखा हुआ था।
