नीतिश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा-जदयू के विधायक लाॅबिंग में जुटे, भाजपा के कई नामों पर नीतिश कुमार को है एतराज

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पटना सेे यादवेन्द्र कुमार की रिपोर्टः-
पटना: बिहार के नीतिश कुमार मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सूबे की राजनीति ठंढ़ के इस मौसम में भी काफी गर्मी लायी है। नीतिश कुमार को अपने मंत्रिमंडल में नये चेहरों को शामिल करने में पसीने छूट रहे हैं।नीतीश कैबिनेट के लिए भारतीय जनता पार्टी के कोटे के नाम तय किए जा चुके हैं। जनता दल यूनाइटेड कोटे के नाम भी लगभग तय हैं। हालांकि, राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी के एनडीए में शामिल होने या जेडीयू में विलय के बाद ही जेडीयू कोटे पर अंतिम मुहर लगेगी। संभावना है कि उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू के साथ आने के बाद उन्‍हें भी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। इस बीच बीजेपी व जेडीयू से ऐसे कई नाम चर्चा में हैं, जिन्‍हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हाई लेवल बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कैबिनेट में बीजेपी कोटे के नए मंत्रियों के नामों पर चर्चा की गई। बैठक में चर्चा में आए नामों का खुलासा अभी तक नहीं किया गया है। नीतीश कैबिनेट में इस समय 14 मंत्री ही शामिल हैं, जिसमें भाजपा कोटे के 7 जबकि जदयू कोटे के 5 और हम व वीआईपी के एक-एक मंत्री ही सरकार में शामिल हैं। जबकि नियमानुसार मुख्यमंत्री समेत 36 मंत्रियों का मनोनयन किया जा सकता है। ऐसे में 22 मंत्रियों का पद रिक्त पड़ा हुआ है।

इसपर अंतिम फैसला एक-दो दिनों में हो जाएगा।कैबिनेट विस्‍तार के लिए बीजेपी से शाहनवाज हुसैन का नाम सबसे आगे चल रहा है। उन्‍हें कोई महत्‍वपूर्ण विभाग दिया जाना तय है। शाहनवाज हुसैन को वित्‍त या पथ निर्माण विभाग दिया जा सकता है। उनके अलावा प्रमोद कुमार, प्रमोद चंद्रवंशी, नितिन नवीन, नीतीश मिश्रा, राणा रणधीर सिंह, नीरज कुमार बबलू, संजय सिंह, संजय सरावगी, संजीव चैरसिया, भागीरथी देवी, कृष्ण कुमार ऋषि, इंजीनियर शैलेंद्र तथा विधान पार्षद सम्राट चैधरी के नाम चर्चा में हैं। इंजीनियर शैलेंद्र अंग क्षेत्र के बिहपुर से विधायक हैं तो नितिन नवीन युवा चेहरा हैं। पूर्व मंत्री सम्राट चैधरी मुंगेर के तो राणा रणधीर चंपारण के रहने वाले हैं। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के सुझाए कुछ नामों पर जेडीयू को आपत्ति है, जिस कारण अंतिम समय में कुछ फेरबदल भी हो सकता है।उपेंद्र कुशवाहा अपनी राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी का या तो जेडीयू में विलय कर लेंगे या जीतन राम मांझी की तरह एनडीए में शामिल हो जाएंगे। इसके बाद कुशवाहा को जेडीयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। एनडीए की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्‍णनंदन वर्मा की तरह उपेंद्र कुशवाहा भी कुशवाहा समाज से हैं। विदित हो कि जेडीयू इन दिनों अपने लव-कुश समीकरण पर फोकस कर रहा है। बहुजन समाज पार्टी से जेडीयू में आए जमां खान और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। नए लोगों में सुनील कुमार तो पुराने में श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी बीमा भारती और संजय झा के नाम रेस में आगे चल रहे हैं। नीतीश कैबिनेट के विस्‍तार को लेकर हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी एवं विकासशील इनसान पार्टी के अध्‍यक्ष व मंत्री मुकेश साहनी भी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं। संभव है कि हम और वीआइपी से एक-एक और मंत्री बनाए जाएं।

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