हजारीबाग के बड़कागांव में हो सकता है फिर से प्रशासन और ग्रामीणों के बीच टकराव का आलम, राज्य सरकार को खुफिया विभाग की चेतावनी , अंबा प्रसाद के मुकाबले पूनम साव का नाम आया सामने

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बड़कागांव में मुखर संवाद ब्यूरो रिपोर्टः-
बड़कागांव: हाल के दिनों में एनटीपीसी के अधिग्रहित जमीन को लेकर बड़कागांव में टकराव देखने को मिला था। वहीं एक बार फिर राज्य सरकार को खुफिया विभाग की ओर से टकराव होने की चेतावनी दी गयी है। खुफिया विभाग की ओर से सयह कहा गया है कि जल्द ही प्रशासन और ग्रामीणों के गीच फिर से टकराव का आलम देखने को मिल सकता है। हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र स्थित मंझलीडाडी, जुगरा व चेपाकला में ग्रामीणों और प्रशासन के बीच टकराव की आशंका बनी हुई है। मामला नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की अधिग्रहित जमीन का है, जिसपर पिछले महीने मार्च में तीन मार्च को भी अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर पथराव हो चुका है। ग्रामीण 30 एकड़ वनभूमि व गैरमजरूआ जमीन का भी मुआवजा मांग रहे हैं। यह रिपोर्ट विशेष शाखा के एडीजी मुरारी लाल मीणा की है, जो डीजीपी नीरज सिन्हा को भेजी गई है।

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि विशेष शाखा को सूचना है कि ग्रामीणों को अप्रत्यक्ष रूप से आजसू नेता रौशन लाल चैधरी, भाजपा नेत्री पूनम साव व बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद सहयोग कर रही हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एनटीपीसी को तीन माह के भीतर कन्वेयर बेल्ट के निर्माण करने का निर्देश दिया था। कन्वेयर बेल्ट बनने से प्रदूषण नियंत्रण व कोयले की ट्रांसपोर्टिंग आसानी से होगी। वर्तमान में त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के माध्यम से ऑन रोड कोयला ट्रांसपोर्टिंग का कार्य किया जा रहा है।कन्वेयर बेल्ट प्लांट रूट में आराहारा से नगड़ी के बीच करीब 62 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया जाना है। कुल अधिग्रहित भूमि का 30 एकड़ जमीन गैरमजरूआ एवं वनभूमि है। कन्वेयर रूट में कुल 133 परिवार की भूमि अधिग्रहित की गई है। इसमें 80 परिवार को मुआवजा मिल चुका है, शेष 53 परिवार को मुआवजा मिलना बाकी है। कुल 133 परिवारों में 21 आराहारा, 32 चेपाकला, 40 जुगरा व 40 परिवार नगड़ी के हैं।

खुफिया रिपोर्ट के अनुसार विवाद की मूल वजह यह है कि एनटीपीसी ने भूमि अधिग्रण के लिए प्रत्येक परिवार में से एक व्यक्ति को रोजगार देने का प्रविधान किया है, लेकिन प्रभावित परिवार घर के सभी बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग कर रहा है। रैयती भूमि के मुआवजे का भुगतान किया गया है। ग्रामीण गैरमजरूआ व वनभूमि के एवज में भी मुआवजा की मांग कर रहे हैं। भूमि अधिग्रहण के बाद अधिग्रहित भूमि पर कुछ ग्रामीणों ने निर्माण कार्य भी कर लिया है और उसके एवज में मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके लिए एनटीपीसी सैद्धांतिक रूप से सहमत नहीं है। इसके चलते ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान की कोशिश जारी है, लेकिन मतभेद दूर नहीं हो रहे हैं और टकराव की आशंका बनी हुई है। वहीं बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद के मुकाबले भाजपा नेत्री पूनम साव की ओर से ग्रामीणों के पक्ष में गोलबंदी की जा रही है। विधायक अंबा प्रसाद का पिछले दिनों बड़कागांव में हिंसा को लेकर नाम सामने आया था।

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