प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों की बैठक पर झल्लाते हुए जमकर लगाये आरोप,‘अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ’

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मुखर संवाद के लिये शिल्पी यादव की रिपोर्टः-
रांची/ नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगलूरू में हो रही विपक्षी दलों की बैठक पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप लगाया। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्ष की एक ही विचारधारा और एजेंडा है ‘अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ’।पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण देश के दूर दराज वाले इलाकों तक नहीं पहुंचा सका। ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे, जिसमें इनका खुद का भला हो इनके परिवार का भला हो, नतीजा ये हुआ कि जो आदिवासी क्षेत्र और द्वीप हैं वहां की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही। आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान उन्होंने वर्तमान सरकार और पिछली सरकारों के नौ वर्षों की तुलना भी की। कहा कि पिछले नौ वर्षों में हमने न केवल पुरानी सरकारों की गलतियों को सुधारा है, बल्कि लोगों को नई सुविधाएं और रास्ते भी दिए हैं। भारत में विकास का एक नया मॉडल विकसित हुआ है। यह सबका साथ, सबका विकास का मॉडल है।भारत की बदहाली के जिम्मेदार दुकान खोलकर बैठ गए..उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमारा भारत कहीं से कहीं पहुंच सकता था। हम भारतीयों के सामर्थ्य में कभी कोई कमी नहीं रही है, लेकिन सामान्य भारतीय के इस सामर्थ्य के साथ भ्रष्टाचारी और परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया। उन्होंने कहा कि 2024 के लिए देश के लोगों ने हमारी सरकार वापस लाने का मन बना लिया है। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं।

पीएम ने कविता सुनाकर किया वार
पीएम मोदी ने कहा कि इन्हें देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है- ‘गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।’
संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते
उन्होंने कहा कि ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। इनके लिए मैं ये ही कहना चाहूंगा कि नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है। इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है – अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ।
अपराधों पर बंद हो जाती है इनकी जुबान
पीएम मोदी ने कहा कि ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कहीं बाढ़ घोटाला होता है, किसी का अपहरण होता है तो कुनबे के सारे लोग चुप हो जाते हैं।

अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने को छोड़ा
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में सरेआम हिंसा हुई, लगातार खून-खराबा हो रहा है, इस पर भी इन सबकी बोलती बंद है। कांग्रेस और लेफ्ट के कार्यकर्ता वहां खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने अपने स्वार्थ में वहां अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है।
कुनबे के सारे दलों ने भ्रष्टाचारियों को किया क्लीनचिट
उन्होंने कहा कि राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं पड़ता। परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करके जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लगता है। तमिलनाडु में भ्रष्टाचार और घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीनचिट दे दी है। इन लोगों की साजिशों के बीच हमें देश के विकास के लिए खुद को समर्पित रखना है।

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