कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी देने के बाद असहज स्थिति में, जबकि भाजपा दीपक प्रकाश की जीत के प्रति आश्वस्त

Jharkhand झारखण्ड राजनीति

रांची से अशोक कुमार की रिपोर्ट
रांची: झारखंड से राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन प्रत्याशी आमने-सामने हो लेकिन कांग्रेस के लिए स्थितियां अच्छी नहीं दिख रही हैैं। सत्ताधारी महागठबंधन के नेता जीत के लिए आंकड़ा जुटा लेने का दावा कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव के अनुसार रणनीति का खुलासा समय पर होगा, वहीं नामांकन पत्र में भाजपा के प्रस्तावकों में आजसू के लंबोदर महतो और निर्दलीय अमित यादव के हस्ताक्षर से यह स्पष्ट है कि प्रत्याशी दीपक प्रकाश का पलड़ा भारी है। भाजपा के विधायकों की संख्या 26 है। आजसू के दो विधायकों और निर्दलीय अमित यादव के वोट मिलाकर प्रथम वरीयता के वोट से भाजपा प्रत्याशी की जीत दिख रही है। जबकि कांग्रेस के पास जीत का जादुई आंकड़ा नहीं है। कांग्रेस के पास 16 विधायक हैैं। प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मिलाकर यह संख्या 18 हो सकती है। इसके बाद झामुमो के दो और राजद के एक विधायक का वोट मिलाकर यह संख्या 21 तक जाती है। इसके बाद भी छह वोटों का जुगाड़ करना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल है। भाजपा विधायक विरंची नारायण के मुताबिक हमारे पास संख्या बल पर्याप्त है और सिर्फ हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा है। उधर राज्यसभा टिकट की आस लगाए पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को निराशा हाथ लगी है। उनके पुत्र विधायक इरफान अंसारी इससे खासे नाराज हैैं और उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पर अपना सारा गुस्सा उतारा है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने अल्पसंख्यक समाज को ठगने का काम किया है। आखिर वे यूपीए के दूसरे उम्मीदवार को कैसै जिताएंगे। यह टिकट राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने नहीं बांटा है। यह आरपीएन सिंह ने बांटा है। अब वे रांची आएं… कैंप करें और इस उम्मीदवार को जिताएं। इरफान ने कहा कि जिस प्रकार एक अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया गया है उसके पीछे एक बड़ी राजनीति है। अल्पसंख्यक वर्ग को सिर्फ खुश करने के लिए उम्मीदवार बनाया गया है ताकि वे आने वाले राजसभा चुनाव में अपना दावा ना ठोक सके। इस बात को समझने की जरूरत है और सही निर्णय लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह उनके परिवार के साथ भद्दा मजाक है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने प्रत्याशी उतारा है तो वही जिताएंगे। उन्हें यहां आना चाहिए और प्रत्याशी की जीत के लिए काम करना चाहिए। दावा किया कि वे पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और सोनिया गांधी व राहुल गांधी को सर्वोपरि मानते हैैं। वे उनसे मिलकर सारी बातें बताएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा कि प्रत्याशी देने से क्या होगा, जीत तो वैसे भी नहीं रहे हैैं।झारखंड से राज्यसभा की एक सीट निकालने के लिए किसी भी दल को 27 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका सीट छोड़ रखी है। ऐसी स्थिति में झारखंड विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 80 है। यदि 81 सीटें होती तो एक सीट जीतने के लिए 28 विधायकों का प्रथम वरीयता का मत आवश्यक होता।शहजादा अनवर को कांग्रेस की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने से विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाने के नाम पर लाॅपीपाॅप थमाया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जो उम्मीदवार उतारा है, उससे यह साफ पता चलता है कि हम लोगों ने भाजपा को वॉकओवर दे दिया है। अल्पसंख्यक वर्ग सिर्फ वोट देने के लिए नहीं बल्कि पूरी कड़ी का एक अहम हिस्सा है और उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक उम्मीदवार खड़ा करने का वे स्वागत करते हैं अब हम सभी को गंभीरता से इसे लेना चाहिए और जीत के लिए जरूरी रणनीति के तहत लड़ना चाहिए और जिताना भी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें राहुल गांधी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आर.पी.एन. सिांह ने कहा है कि कांग्रेस में ठेकेदारी प्रथा बंद हो चुकी है। अब पार्टी में कोई ठेकेदारी नहीं चलने वाली है। वे जल्द ही रांची आ रहे हैं। पार्टी ने अपना प्रत्याशी दे दिया है। लोकसभा चुनाव के समय किए वादे के आधार पर अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाया गया है। सारा कुछ आलाकमान की जानकारी और सहमति से होता है। इसमें किसी कोई शक नहीं होनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस में आर.पी.एन. सिंह की ओर से बिना सहमति के प्रत्याशी की घोषणा करने से काफी असंतोष दिखाई दे रहा है।

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