
रांची: आजसू झारखंड की राजनीति की हाॅट केक बनी हुई है। आजसू को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सहानूभूति के संकेत देते हुए आजसू को अपना स्वाभाविक साथी करार दे दिया है। अमति शाह ने आजसू के साथ सरकार बनाने तक के संकेत दे दिये हैं। वहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी आजसू की ओर सत्ता के लिये हाथ बढ़ाने के संकेत दिये हैं। आजसू पार्टी के मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस की नजर आजसू पर टिकी हुई है। क्योंकि झारखंड में आजसू तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां प्रचार में झारखंड के मुद्दों पर बात करने की बजाए चुनाव परिणाम के बाद की बात अभी से करने लगी है। चुनाव के पूर्व जिन नेताओं और पार्टियों ने आजसू की औकात पर बात की थी, उन्हें भी हमारा बढ़ता जनाधार महसूस हुआ और उन्होंने अपने सुर बदल लिए। लेकिन, आजसू झारखंड के मान, सम्मान, स्वाभिमान और झारखंड के विषयों को लेकर जनता के बीच जा रही है। जिसका व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। डॉ देवशरण भगत ने कहा कि झारखंड में महाराष्ट्र की स्थिति न बने इसके लिए हम सचेत हैं इस बार पार्टी ने स्लोगन दिया है अबकी बार गांव की सरकार। इस बार पार्टी जनादेश के बाद तय करेगी कि सरकार किसकी बनेगी और उसका नेतृत्व कौन करेगा। सीएम कौन बनेगा ? अब मंच से यह तय नहीं होगा कि सीएम कौन बनेगा, बल्कि पंच से तय होगा। अब झारखंड में गांव की ही सरकार बनेगी। सामाजिक न्याय को जो स्वीकार करेगा व हमारे विषयों को जो स्वीकार करेगा, वही हमारा साथी होगा।
